उपसर्ग की परिभाषा व उदाहरण:-आज SSCGK आपसे उपसर्ग की परिभाषा व उदाहरण के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
इसे पहली पोस्ट में आप लोकोक्तियां परिभाषा व उदाहरण के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।
उपसर्ग की परिभाषा व उदाहरण:-
“वे शब्दांश जो मूल शब्द से पहले जुड़ कर उसके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता ला देते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं।”
अर्थात् किसी शब्द के शुरू में जुड़ कर उनके अर्थ में परिवर्तन लाने वाले शब्दांश को, उपसर्ग कहते हैं।
जैसे:-
अन -अनचाहा, अनदेखा, अनमोल, अनजान
अनु-अनुसार, अनुकरण, अनुगामी, अनुभाग
कु– कुपुत्र, कुमार्ग, कुकर्म, कुपात्र
कम– कमजोर, कमतर, कमसिन
अधि– अधिकार, अध्यात्म, अध्यादेश
परि-पर्यावरण, परिक्रमा, परिवेश, परिधान
हिंदी भाषा में उपसर्ग के तीन प्रकार होते हैं:-
- संस्कृत के उपसर्ग
- हिंदी के उपसर्ग
- विदेशी उपसर्ग
हिंदी भाषा में उपसर्ग के उदाहरण:-
- संस्कृत के उपसर्ग:-
(१).अप-( बुरा )-अपमान, अपशब्द, अपशकुन, अपकीर्ति, अपहरण
(२).अव-(बुरा) -अवगुण, अवशेष, अवनति, अवधारणा, अवसान
(३).अति-(अधिक)-अत्यधिक, अत्याचार, अतिरिक्त, अतिक्रमण, अतिसार
(४).अधि-(श्रेष्ठ, ऊपर)-अधिकार, अधिकारी, अधिनियम, अध्यादेश, अध्यक्ष, अध्यात्म
(५). अभि-(पास, सम्मुख)-अभिमान, अभिभाषण, अभिज्ञान, अभ्युदय, अभ्यर्थी
(६). अपि-(भी)-अपिधान, अपिहित
(७). अनु -(पीछे)- अनुशासन, अनुज, अन्विति, अनुच्छेद, अन्वेषण अन्वय,
(८).आ-(तक, सीमा)-आहार, आजीवन, आमरण, आरक्षण, आधार, आसमुद्र
(९).उत्-(ऊपर ,श्रेष्ठ)-उद्धार, उज्ज्वल, उत्थान, उत्सर्ग, उत्पत्ति, उत्पाद, उत्पात, उच्छृंखल, उच्चारण
(१०).उप-(पास, समीप)-उपकार, उपदेश, उपवन, उपसर्ग, उपहार, उपयोग
(११).दुर्-(बुरा)-दुर्जन, दुरुपयोग, दुर्घटना, दुर्गति, दुर्बल, दुराशा
(१२).दुस्-(बुरा, कठिन)-दुस्साहस, दुश्शासन, दुश्मन, दुष्प्रचार
(१३).नि-(अभाव, रहित)-निबंध, न्याय, निडर, न्यून, न्यास
(१४).निस्-(अभाव, रहित)-निस्तेज, निश्चिंतता, निष्फल, निश्चल
(१५).निर्-(अभाव, रहित)-निर्धन, निर्मल, निर्बल, निरापराधी, निरर्थक, निराशा, निराहार
(१६).प्र-(प्रबल)-प्रयोग प्रचार, प्रमाण, प्रगति, प्रबल, प्रसार
(१७). प्रति- (प्रत्येक, विपरीत)-प्रतिदिन, प्रतिकूल, प्रत्येक, प्रत्यक्ष, प्रतिध्वनि
उपसर्ग की परिभाषा एवं उदाहरण:-
- हिंदी के उपसर्ग:-
(१).अध-(आधा)-अधपका, अधजला, अधमरा
(२).अव-(बुरा, नीचे)-अवगुण, अवशेष, अवलोकन, अवनति, अवगत
(३).पर -(अन्य)-परदेसी, परोपकार, पराधीन
(४).उन -(कम)- उन्नीस, उनतीस, उनचास, उनसठ, उनहत्तर, उनासी
(५).उद् -(प्रकट,उत्पन्न)-उद्गम, उद्घाटन, उद्भव, उद्गार
(६). पुनः -(फिर से)-पुनर्निर्माण, पुनर्जन्म, पुनर्बलन, पुनरुत्थान
(७).दु -दुकान, दुखी, दुखिया, दुबला, दुशाला
(८). प्राक्-( पहले) -प्राक्कथन, प्राक्कर्म
(९).कु-(बुरा)-कुकर्म, कुरूप, कुपात्र, कुमार्ग,
(१०).स्व -(अपना)- स्वदेश, स्वराज्य, स्वनिर्मित, स्वचालित,
(११). स्वयं -(खुद)- स्वयंवर, स्वयंसेवक, स्वयंभू, स्वयंसेवी
(१२). सह -(साथ)- सहयोगी, सहकर्मी सहकारी, सहपाठी, सहगामी,
(१३). परा– (उल्टा, पीछे)- पराजय, पराक्रम, पराधीन, पराभव
(१४).वि-(उल्टा)- विशेष, विशेष, विकार, वियोग, विहार
(१५).परि-(चारों ओर)-परिणाम, परिश्रम, परिवर्तन, परिधि, परिचालन, परिक्रमा
(१६).सम्-(अच्छा)- संयोग, संबंध, सम्मान, संयम, संदेश, संभव
(१७).सत्-(अच्छा)- सत्संग, सत्कर्म, सज्जन, सदाचार
उपसर्ग की परिभाषा एवं उदाहरण:-
- विदेशी उपसर्ग-
(१).बे- (अभाव रहित)- बेसहारा, बेदखल, बेईमान, बेइज्जत, बेघर, बेशर्म, बेवफा
(२). खुश– (अच्छी)- खुशबू, खुशखबरी, खुशनसीब, खुशमिजाज, खुशदिल
(३). बद -(बुरा)- बदनाम, बदसूरत, बदकिस्मत, बदनसीब, बदबू, बदचलन
(४).ला-(अभाव, रहित)- लाजवाब, लावारिस, लापता, लाइलाज, लापरवाह
(५).ना -(नहीं)- नालायक, नापसंद, नाजायज, नाराज, नाउम्मीद
(६). हर -(प्रत्येक)- हरवक्त, हररोज, हरपल, हरसाल, हरघड़ी
(७). हम -(साथ)- हमसफर, हमदर्द, हमवतन, हमराज, हमराही
(८). गैर -(अभाव, रहित)- गैरकानूनी, गैरहजिर, गैरकौम
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