कारक की परिभाषा व भेद:- आज sscgk आपसे कारक की परिभाषा व उसके प्रकार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे । पिछली पोस्ट में हमने आपसे लिंग की परिभाषा व भेद के बारे में चर्चा की थी।
जैसे:- राम ने मार दिया|
राजा ने दुश्मन को मार दिया |
अनिल ने तीतर को बाण से मार दिया |
राम ने रावण को बाण से सीता के लिए मार दिया |
राकेश ने हरमन से अलग होने पर राका को बाण से मार दिया ।
कृष्ण ने गीता के अपहरणकर्ता को बाण से मार दिया ।
देव ने तीतर को बाण से मार कर जमीन पर गिरा दिया |
हे भाई ! राम ने रावण को बाण से मार दिया |
उपरोक्त वाक्यों का अध्ययन करने के उपरांत हमें कारक व इसकी विभक्तियो के बारे में जानकारी मिलती है|
कारक की परिभाषा व भेद:-
कारक की परिभाषा व भेद:-“शब्द के जिस रुप से वाक्य के अनेक शब्दों के साथ उसके संबंध का बोध होता है, उसे कारक कहते हैं |”
जैसे :- राम ने रावण को बाण से सीता के लिए मार दिया ।
कारक विभक्ति:- संज्ञा ,सर्वनाम शब्दों के साथ ‘ने’, ‘को’, ‘से’, ‘के लिए’, ‘का’, ‘के’, ‘की’ आदि चिह्न लगाते हैं, उन्हें कारक विभक्ति कहते हैं । कारक विभक्ति को ही परसर्ग कहते हैं|
कारक के भेद/प्रकार :-
हिंदी में कुल आठ कारक होते हैं:-
1.कर्ता कारक
2.कर्म कारक
3.करण कारक
4.संप्रदान कारक
5.अपादान कारक
6.संबंध कारक
7.अधिकरण कारक
8.संबोधन कारक
क्रम सं. कारक चिह्न अर्थ
- कर्ता कारक ने काम को करने वाला
- कर्म कारक को जिस पर क्रिया कर्म का फल पड़े
- करण कारक से, द्वारा क्रिया करने का साधन
- संप्रदान कारक के लिए जिसके लिए क्रिया की जाए
- अपादान कारक से अलग होना दो वस्तुओं का अलग होना
- संबंध कारक का, के ,की संबंधों का बोध हो
- अधिकरण कारक में, पर ,आधार का बोध हो
- संबोधन कारक हे ! ,अरे ! किसी को पुकारना या बुलाना
हिदी में कारक के भेदों का वर्णन :-
1.कर्ता कारक:- “शब्द के जिस रूप से कार्य करने वाले का बोध हो,उसे कर्ता कारक कहते हैं।“
जैसे- साहिल किताब पढ़ता है।
रोशनी गीता पढ़ रही है।
रौनक कविता गाती है |
नैंसी फ़ुटबाल खेलती है |
दीपू लड्डू खाती है |
अवनि आम खाती है |
दीपांशी ने पत्र लिखा।
रोशनी ने कहानी सुनाई|
राम ने रावण को मारा ।
1.कर्ता कारक का प्रयोग-
१).परसर्ग सहित
२).परसर्ग रहित
१). परसर्ग सहित-
प्रेरणार्थक क्रियाओं के साथ ‘ने’ का प्रयोग किया जाता है ।
जैसे- राम ने रावण को मारा ।
सीता ने गीता को पढ़ाया।
सकर्मक क्रिया में कर्ता के साथ ‘ने’ परसर्ग लगाया जाता है।
जैसे:- मोहन ने खाना खाया।
गीता ने गाना गाया|
साहिल ने पाठ पढ़ा |
देव ने गाना गया |
२). परसर्ग रहित–वर्तमान और भविष्य काल में परसर्ग नहीं लगता|
जैसे -बच्चा हंसता है।
पत्ता गिरता है |
चिड़िया उडती है |
मोर नाचता है |
भूतकाल की अकर्मक क्रिया में परसर्ग का प्रयोग नहीं किया जाता|
जैसे:- पत्ता गिरा|
सभी बच्चे सो गये
बाग़ में मोर नाचा |
आसमानी बिजली चमकी |
कारक की परिभाषा व भेद-
2.कर्म कारक:-“ शब्द के जिस रुप पर क्रिया के व्यापार का फल पड़े, उसे कर्मकारक कहते हैं।“
इसका विभक्ति चिह्न को होता है।
जैसे – अध्यापक ने बच्चे को पढ़ाया।
राम ने रावण को मारा।
नंदलाला ने राधा को बुलाया।
कृष्ण ने कंस को मारा।
अध्यापक ने बच्चे को पढ़ाया |
3.करण कारक:-“क्रिया के जिस रुप से क्रिया के करने के साधन का बोध हो,उसे करण कारक कहते हैं ।“
इसका विभक्ति चिह्न से ,के द्वारा होता है।
जैसे:-राम ने रावण को बाण से मारा।
राकेश ने पेन से सुलेख लिखा|
तन्नु ने पेन्सिल से चित्र बनाया |
4.संप्रदान कारक:- “शब्द के जिस रूप के लिए कोई क्रिया की जाए ,उसे संप्रदान कारक कहते हैं।“
इसका विभक्ति चिह्न के लिए होता है।
जैसे:-राम ने रावण को सीता के लिए मारा।
दीपू धीरज के लिए पुस्तक देता है।
हमें भूखों के लिए दान देना चाहिए।
देव ब्राह्मण के लिए खाना देता है।
कारक की परिभाषा व इसके प्रकार :–
5.अपादान कारक:- “शब्द के जिस रुप से दो वस्तुओं का एक दूसरे से अलग होना पाया जाए,उसे अपादान कारक कहते हैं।“इसका विभक्ति चिह्न से अलग होना होता है।
जैसे:- वृक्ष से पत्ते गिरते हैं।
आम के पेड़ से आम गिर गए।
गंगा हिमालय से निकलती है।
लड़का छत से गिर गया।
6.संबंध कारक:- “शब्द के जिस रूप से एक वस्तु का दूसरी वस्तु से संबंध का बोध हो, उसे संबंध कारक कहते हैं |” इसके विभक्ति चिह्न का , के , की आदि होते हैं।
जैसे:- यह है खेत राम का है|
यह पुस्तक श्याम की है|
7.अधिकरण कारक:-“ शब्द के जिस रुप से क्रिया के आधार का बोध हो, उसे अधिकरण कारक कहते हैं |”
इसका विभक्ति चिह्न में, पर होता है।
जैसे:- बच्चा खाट पर बैठा है |
बच्चे धरती पर खेल रहे हैं |
पुस्तके मेज पर रखी हैं।
कॉपी मेज पर रखी है।
पानी में मछली रहती है।
टोकरी में सेब रखा है।
फ्रीज़ में दूध रखा है |
छज्जे पर कबूतर बैठे हैं |
8.संबोधन कारक:- “शब्द के जिस रुप से किसी को पुकारने का बोध हो, उसे संबोधन कारक कहते हैं |”
इसका विभक्ति चिह्न हे ,अरे होता है।
जैसे:- हे भाई ! राम ने रावण को बाण से मार दिया |
हे भगवान ! मेरी रक्षा करो।
अरे ! बच्चो शोर मत करो।
हे राम ! यह क्या हो रहा है?