क्रिया विशेषण की परिभाषा व भेद:- आज SSCGK आपसे क्रिया विशेषण के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे पिछली पोस्ट में हमने आपसे काल की परिभाषा व भेदों के बारे में बताया था।
क्रिया विशेषण शब्द एक अविकारी शब्द/अव्यय है। अविकारी शब्द उन शब्दों को कहा जाता है, जिनका रूप नहीं बदलता है ।
“जिन शब्दों का रूप लिंग, वचन, काल, कारक आदि के कारण नहीं बदलता है ,वे अविकारी शब्द कहलाते हैं।”
क्रिया विशेषण की परिभाषा व भेद:-
हिंदी में क्रिया विशेषण की परिभाषा व भेद:-
“क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्दों को क्रियाविशेषण कहते हैं।”
जैसे:-
ज्योति धीरे धीरे चलती है।
घोड़ा तेज दौड़ता है ।
तनु धीरे धीरे चलती है।
रोशनी बाहर खेल रही है।
खरगोश तेज दौड़ता है।
उपरोक्त वाक्यों को पढ़ने के उपरांत पता चलता है, कि धीरे-धीरे, तेज, बाहर आदि ये सभी शब्द क्रिया की विशेषता बता रहे हैं।
इसी कारण ये सभी क्रिया विशेषण है।
क्रिया विशेषण के भेद:-
क्रिया विशेषण के चार भेद होते हैं:-
- कालवाचक क्रिया विशेषण
- रीतिवाचक क्रिया विशेषण
- परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
- स्थान वाचक क्रिया विशेषण
हिंदी में क्रिया विशेषण के भेद:-
- कालवाचक क्रिया विशेषण:- जिन क्रिया विशेषण शब्दों से किसी क्रिया के होने के समय का बोध होता है, उन्हें कालवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे:-
मानसी परसों अपने गांव चली गई।
मां अभी अभी बाजार से आई हैं।
आप कहां जा रहे हो।
घर के सामने शिव मंदिर है।
गुफा के भीतर बहुत अंधेरा है।
मेज के नीचे बिल्ली बैठी है।
घर के बाहर बच्चे खेल रहे हैं।
छत के ऊपर पानी रख कर आओ।
उपरोक्त वाक्यों में परसों,अभी-अभी, कहां, सामने, नीचे, बाहर, ऊपर आदि शब्द स्थान वाचक क्रिया विशेषण है।
2.रीतिवाचक क्रिया विशेषण :-जिन क्रिया विशेषण शब्दों से किसी क्रिया के होने की तरीके/ रीति का पता चलता है तो, उन्हें रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे:-
मजेदार चुटकुला सुनकर सब बच्चे हंसते- हंसते लोटपोट हो गए।
रोशनी ने झूमते हुए नृत्य किया।
हरजीत फटाफट खाता है।
तमन्ना ध्यानपूर्वक पढ़ाई करती है।
देव ध्यान से चलता है।
सुदेश हमेशा सच बोलती है।
उपरोक्त वाक्यों में हंसते- हंसते, झूमते, फटाफट, ध्यानपूर्वक, ध्यान से, हमेंशा आदि शब्द रीतिवाचक क्रिया विशेषण हैं।
क्रिया विशेषण के प्रकारों का वर्णन :-
3.परिमाणवाचक क्रिया विशेषण:- जिन क्रिया विशेषण शब्दों से हमें क्रिया की परिमाण/ मात्रा का पता चलता है तो, उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
जैसे:-
ग्वालियर पानीपत से बहुत दूर है।
एक-एक करके सभी बच्चों ने गाना गाया।
सिमरन ने खूब मस्ती की।
सफल होने के लिए अधिकाधिक प्रयास करें।
मंशिका ने पाखी से अधिक काम किया।
उपरोक्त वाक्यों में दूर, एक-एक करके सभी , खूब, अधिकाधिक, अधिक आदि शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण हैं।
4.स्थानवाचक क्रिया विशेषण:-जिन क्रिया विशेषण शब्दों से हमें क्रियाओं के होने के स्थान का पता चलता है तो, उन्हें स्थान वाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे:-
खुशी बाहर खेल रही है।
मोर पेड़ पर बैठा है।
भोलू वहां मैदान में खेल रहा है।
कबूतर घर की छत पर बैठा है।
बच्चों कमरे के अंदर जाकर बैठो।
सोनू यहां मत खेलो।
उपरोक्त वाक्यों में बाहर, पर, वहां, अंदर, यहां, आदि शब्द स्थान वाचक क्रिया विशेषण है।