जीव विज्ञान आधारित जीके नोट्स-आज इस आर्टिकल में हम आपको जीव विज्ञान आधारित जीके नोट्स की विस्तार से जानकारी देंगे। इससे पहले आर्टिकल में आप विज्ञान के विभिन्न अध्ययनों के नाम के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।
जीव विज्ञान आधारित जीके नोट्स-
विज्ञान की जिस शाखा के अंतर्गत जीव जंतु एवं पेड़ पौधों का अध्ययन किया जाता है, वह शाखा जीव विज्ञान कहलाती है। आज हम आपके लिए जीव विज्ञान पर आधारित कुछ परीक्षा उपयोगी नोट से लेकर आए हैं। ये महत्वपूर्ण नोट्स आपके लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होंगे। जीव विज्ञान आधारित महत्वपूर्ण नोट्स निम्नलिखित हैं-
No. 1.प्रसिद्ध ग्रीक दार्शनिक अरस्तु को जीव विज्ञान एवं जंतु विज्ञान का जनक कहा जाता है |
No. 2.लैमार्क द्वारा प्रस्तुत वर्गीकरण मे जीवों को केवल दो जगतों जंतु जगत एवं पादप जगत में विभाजित किया गया |
No. 3.संघ प्रोटोजोआ के जंतु सबसे सरल होते हैं, और इसे सृष्टि के प्रथम जंतु मानते हैं | इसका शरीर एक कोशकीय होता है
No. 4.जंतुओं का सबसे बडा संघ ‘संघ आर्थोपोडा’ है |
No. 5.घोंघा, सीप, आदि का खोल कैल्शियम कार्बोनेट का बना होता है |
No. 6.घोंघा, आक्टोपस आदि के रक्त में हीमोग्लोविन अनुपस्थित होने के कारण रक्त रंगहीन होता है |
No. 7.सीपिया जैसे कुछ जंतु में हीमोसायनिन के कारण रक्त का रंग नीला होता है |
No. 8.अमीबा एक अनिश्चित आकार वाला सूक्ष्म अकोशकीय प्राणी है |
No. 9.वनस्पति विज्ञान का जनक थियोफ्रेस्टस को कहा जाता है |
No. 10.चिकित्सा विज्ञान का जनक हिप्पोक्रेटस को कहते हैं |
जीव विज्ञान आधारित जीके नोट्स-
No. 11.कैरोलस लीनियस को वर्गीकी का जनक कहा जाता है | इन्होने ने जीवों की द्विनाम पद्धति को प्रचलित किया | इस पद्धति के अनुसार प्रत्येक जीवधारी का नाम लैटिन भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला शब्द वंश नाम तथा दूसरा शब्द जाति का कहलाता है | उदाहरण :
मनुष्य – होमो सेपियंस (Homo Sapiens)
मेंढक – राना टिग्रिना (Rana Tigrina)
आम – मैंगीफेरा इंडिका (Mangifera Indica)
सरसो –ब्रासिका कैंपेस्ट्रिस (Brassica Campestris)
No. 12.फीता कृमि या टीनिया मनुष्य की आंत मे पाया जाने वाला एक रोग जनक परजीवि है |
No. 13.केंचुआ एवं जोंक द्विलिंगी जंतु हैं |
No. 14.आक्टोपस को शैतानी मछली के नाम से जाना जाता है |
No. 15.सबसे लम्बी कोशिका तंत्रिका तंत्र की कोशिका है |
Biology important GK Notes-
No. 16.सबसे बडी कोशिका शुतुर्मुर्ग के अण्डे की कोशिका है |
No. 17.कोशिका भित्ती केवल पादप कोशिका में पाया जाता है | यह सेलुलोज का बना होता है | यह कोशिका को निश्चित आकृति एवं आकार बनाए रखने में सहायक होता है |
No.18. ऊर्जा युक्त कार्बनिक पदार्थों का आक्सीकरण माइटोकाण्ड्रिया मे होता है, जिसमे काफी मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है, इस लिए माइटोकाण्ड्रिया को कोशिका का शक्ति केंद्र कहते हैं |
No.19. रिक्तिका में एंथ्रोसायनिन जैसे पदार्थ होते हैं जिसके कारण फूलों का रंग लाल, नीला, पीला आदि होता है |
No. 20.अमीबा प्रोटोजोआ संघ का जंतु है |
No. 21.पेचिश नामक रोग एण्ट अमीबा द्वारा फैलता है |
No. 22.हिप्पोकैम्पस को समुंद्री घोडा भी कहते हैं |
No. 23.समुंद्री घोडा मत्स्य वर्ग का जंतु है |
No. 24.मेंढक उभयचर है क्योंकि यह जल-स्थल चर जंतु है |
No. 25.मेंढक त्वचा से स्वसन करने वाला प्राणी है |
No. 26.जंतुओं के विकास का सही क्रम: मत्स्य-उभयचर-सरीसृप एवं पक्षी है |
No. 27.मानव यूथीरिया उपवर्ग का प्राणी है |
No. 28.कोशिका की खोज राबर्ट हुक ने की |
No. 29.राबर्ट ब्राउन ने कोशिका में केंद्रक की खोज की |
No. 30.कोशिका जीव की सबसे छोटी कार्यात्मक एवं संरचनात्मक इकाई होती है |
जीव विज्ञान आधारित जीके नोट्स-
No. 31.हरे टमाटर व मिर्चा पकने पर लाल हो जाते हैं, ऐसा क्लोरोप्लास्ट का क्रोमोप्लास्ट में परिवर्तन होने के कारण होता है |
No. 32.आलू का जो भाग मिट्टी की सतह पर होता है वह हरा हो जाता है, क्योंकि आलू मे उपस्थित ल्युकोप्लास्ट क्लोरोप्लास्ट मे परिवर्तित हो जाता है |
No. 33.क्लोरोप्लास्ट लवक केवल प्रकाश संश्लेषी पौधों में पाया जाता है | पर्णहरिम की परतें सूर्य के प्रकाश को अवशोषित कर इस ऊर्जा का उपयोग जल के अणुओं को तोड कर उनसे हाइड्रोजन एवं आक्सीजन अलग –अलग करने में किया जाता है | जल से प्राप्त हाइड्रोजन ही कार्बन डाई आक्साइड के साथ मिल कर भोजन बनाने का कार्य करती है |
No. 34. DNA सभी आनुवांशिक क्रियाओं का संचालन करता है | जीन इसकी इकाई है | यह प्रोटीन संश्लेषण को नियंत्रित करता है |यह मुख्यत: केंद्रक में पाया जाता है |
No. 35.माइटोकाण्ड्रिया कोशिका के अंदर होने वाले आक्सी श्वसन का केंद्र है | यहां मुख्यत: कार्बोहाइड्रेट तथा वसा के आक्सीकरण द्वारा ऊर्जा उत्पन्न होती है | इसी कारण इसे कोशिका का ऊर्जा गृह कहते हैं |
No. 36.हरित लवक: यह हरे रंग का होता है क्योंकि इसके अंदर एक हरे रंग का पदार्थ पर्णहरित होता है जिसे क्लोरोफिल भी कहते हैं |इसकी सहायता से पौधा प्रकाश संश्लेषण करता है और भोजन बनाता है | इसलिए हरित लवक को पादप कोशिका की रसोई कहते हैं |
No. 37.पत्तियों का रंग पीला उसमें कैरोटिन के निर्माण होने के कारण होता है |
जीव विज्ञान आधारित जीके नोट्स-
No. 38.अवर्णी लवक: यह रंगहीन लवक है | यह पौधै के उन भागों की कोशिकाओं में पाया जाता है जो सूर्य के प्रकाश से वंचित हैं | जैसे : जडों, भूमिगत तनों आदि में |यह भोज्य पदार्थों को संग्रह करने वाला लवक है |
No. 39.वर्णी लवक: ये रंगीन लवक होते हैं | जो प्राय: लाल, पीले एवं नारंगी रंग के होते हैं | ये पौधै के रंगीन भाग जैसे पुष्प आदि में पाये जाते हैं | वर्णी लवक के उदाहरण :टमाटर मे लाइकोपेन, गाजर मे कैरोटीन, चुकंदर मे विटानीन |
No. 40.माइटोकांड्रिया मे ऊर्जा ए.टी.पी. के रूप मे बनती है |
No. 41.गुण सूत्र की रचना डी.एन.ए. तथा प्रोटीन से होती है |
No. 42.प्रत्येक जीवधारी की सूक्ष्मतम् इकाई कोशिका है |
No. 43.जीवद्रव्य की रचना जल , अकार्बनिक तथा कार्बनिक पदार्थों द्वारा होती है |
No. 44.माइटोकांड्रिया का सम्बंध श्वसन से होता है |
जीव विज्ञान आधारित जीके नोट्स-
No. 45.प्रत्येक जाति के जीवधारियों मे सभी कोशिकाओं के केंद्रक में गुणसूत्र की संख्या निश्चित होती है | उदाहरण : मानव में 23 जोडा, चिम्पाजी मे 24 जोडा, तथा बंदर में 21 जोडा |
No. 46.तंत्रिका ऊतक ऐसी विशेष कोशिकाओं से बनते हैं जो शरीर में संवेदनों को अंगों से मस्तिष्क तक तथा मस्तिष्क से अंगों तक ले जाने का कार्य करती हैं |
No. 47. अस्थि एक सुदृढ सन्योजी ऊतक है |
No. 48.हृदय पेशियां अरेखित पेशियां हैं एवं अनैच्छिक हैं |
No. 49. रेखित पेशियों का कार्य ऐच्छिक पेशियों का संचालन करना होता है |
No. 50संदेश संवहन की मूल इकाई तंत्रिका कोशिका है |
No. 51.DNA से RNA का संश्लेषण होता है | यह केंद्रक एवं कोशिका द्रव्य दोनों मे पाया जाता है |
No. 52.RNA आनुवांशिक सूचना वाहक है |
जीव विज्ञान आधारित जीके नोट्स-
No. 53.DNA कोशिकाओं की समस्त जैविक क्रियाओं को नियंत्रित करता है |
No. 54.RNA का मुख्य कार्य प्रोटीन का संश्लेषण करना होता है |
No. 55.कोशिका का ईंधन कार्बोहाइड्रेड (ग्लूकोज) को कहते हैं |
No. 56.पौधों मे जल का परिवहन जाइलम या दारू ऊतक द्वारा होता है |
No. 57.फ्लोएम ऊतक का प्रमुख कार्य पौधों के हरे भागों मे निर्मित भोज्य पदार्थों को दूसरे भागों मे वितरित करना होता है |
No. 58.पादपों मे विभाज्योतक ऊतक की उपस्थिति के कारण ही वृद्धि की क्रिया निरंतर उनके जीवन भर होती रहती है,पौधों मे वृद्धि केवल कुछ निश्चित वृद्धि केंद्रों पर होती है, जो प्राय: मूल शीर्ष (जड का अग्र सिरा) तथा प्ररोह शीर्ष (तने या शाखाओं के अगले सिरे) पर होती है |
जीव विज्ञान आधारित जीके नोट्स-
No. 59.फ्लोएम ऊतक का प्रमुख कार्य पौधों के हरे भाग मे निर्मित भोज्य पदार्थ को दूसरे भागों मे वितरण करना होता है |
No. 60.शरीर की समस्त ऐच्छिक तथा अनैच्छिक पेशियों का निर्माण पेशी ऊतकों से होता है | हृदय, फेफडे, आमाशय, आतें, वृक्क आदि का निर्माण भी पेशी ऊतकों से होता है |