पद परिचय की परिभाषा व उदाहरण:-आज आपसे पद परिचय की परिभाषा व उदाहरण के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
इससे पहली पोस्ट में आप संख्यावाचक शब्दा: के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।
पद परिचय की परिभाषा व उदाहरण:-
पद परिचय :-
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है पद का परिचय। इसका अभिप्राय यह हुआ कि वाक्य में प्रयुक्त हुए पदों का अलग-अलग परिचय देना अर्थात उनके बारे में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, लिंग, वचन, काल, कारक आदि के अनुसार विस्तार से बताना।
वाक्य में प्रयुक्त हुए पदों जैसे संज्ञा सर्वनाम विशेषण क्रिया तथा अव्यय का अलग-अलग परिचय देना ही पद परिचय कहलाता है।
किसी भी वाक्य में प्रयुक्त पदों का परिचय देते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है:-
- संज्ञा- संज्ञा का प्रकार, लिंग, वचन, काल, कारक, कारक, क्रिया से संबंध।
- सर्वनाम- सर्वनाम का प्रकार, लिंग, वचन, कारक, क्रिया क्रिया से संबंध।
- विशेषण- विशेषण का प्रकार विशेष्य, लिंग, वचन, क्रिया से संबंध।
- क्रिया क्रिया का प्रकार, वाच्य, काल, पुरुष, लिंग, वचन प्रयोग।
- क्रिया विशेषण-क्रिया विशेषण का प्रकार, विशेष्य, विकार, संबंध।
- संबंधबोधक-संबंधबोधक का प्रकार, विकार( यदि हो तो) संबंध
- समुच्चयबोधक-समुच्चयबोधक का प्रकार, शब्द, वाक्यांश, वाक्य अथवा अन्विति।
- विस्मयादिबोधक-विस्मयादिबोधक का प्रकार, संबंध यदि हो तो।
1.गणतंत्र दिवस पर हमने अपने विद्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
गणतंत्र दिवस-संज्ञा व्यक्तिवाचक संज्ञा एकवचन पुल्लिंग
पर- अधिकरण कारक
हमने– सर्वनाम, पुरुषवाचक, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक।
अपने -सर्वनाम निजवाचक, पुल्लिंग।
विद्यालय– संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग।
में -अधिकरण कारक
राष्ट्रीय ध्वज– संज्ञा ,व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक
फहराया-सकर्मक क्रिया पुल्लिंग, एकवचन, सामान्य भूतकाल।
दीपू पुस्तक पढ़ती है।
दीपू-संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्ता कारक।
पुस्तक -संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग।
पढ़ती है-सकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग