बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के लाभ व हानि:-इस आर्टिकल में आज SSCGK आपसे बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के लाभ व हानि नामक विषय के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे । इससे पहले आर्टिकल में आप भारत की जल विद्युत परियोजनाएं के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।
बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के लाभ व हानि:-
“ऐसी बहुउद्देशीय परियोजनाएं जो जल संसाधनों के उचित प्रबंध एवं जल से संबंधित बाढ़, सूखा इत्यादि समस्याओं पर नियंत्रण पाने के लिए शुरू की गई हैं, उन्हें बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं कहा जाता है।” इन परियोजनाओं से जल विद्युत प्राप्ति, सिंचाई, मृदा सरक्षण एवं मत्स्य पालन जैसे अनेक उद्देश्यों की प्राप्ति एक साथ की जाती है।
बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के लाभ व हानि:-
बहुद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं:-
No.1. परियोजना के आरंभ में मुख्य नदी एवं उसकी सहायक नदियों के संगम पर बांध बनाया जाता है या सहायक नदियों पर छोटे -छोटे बांधों की श्रंखला बनाई जाती है। नदियों पर निर्मित इन विशाल बांधों के पीछे बनी जिलों में भारी मात्रा में पहाड़ों से बहकर आया हुआ जल एवं वर्षा का जल एकत्रित हो जाता है। परिणाम स्वरूप इससे बाढ़ों पर नियंत्रण करने में एवं मिट्टी के संरक्षण में पर्याप्त सहायता मिलती है।
गर्मी की ऋतु में जब वर्षा कम मात्रा में होती है, उस समय पानी की अधिक आवश्यकता अनुभव होती है। ऐसी स्थिति में बांधों के पीछे निर्मित इन झीलों में एकत्रित पानी नहरों द्वारा खेतों तक पहुंचाया जाता है तथा उस पानी से खेतों की सिंचाई की जाती है।
Bahuddeshiya Nadi ghati Pariyojanayon ke Laabh EvM Haani:-
No.2. पहाड़ी क्षेत्रों में स्थापित इन परियोजनाओं से पानी के द्वारा बिजली पैदा की जाती है। इस बिजली से गांव एवं शहरों को बिजली की आपूर्ति की जाती है इसके अतिरिक्त उस क्षेत्र के उद्योगों को भी बिजली की आपूर्ति की जाती है। इस प्रकार से यह एक बिजली उत्पादन का साफ सुथरा तरीका है। इससे किसी प्रकार का पर्यावरण प्रदूषण भी नहीं होता है।
No.3. बहुद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं का एक अन्य लाभ यह भी है- मत्स्य उत्पादन अर्थात मछलियों का उत्पादन करना। इन नदी घाटी परियोजनाओं के पीछे बनी विशाल झीलों में, प्रोटीन प्राप्ति की दृष्टि से चुनी हुई मछलियों की प्रजातियों की मछलियां पाली जाती हैं। इन मछलियों के विक्रय से आर्थिक लाभ तो होता है,जिसे देश के विकासात्मक कार्यों पर खर्च किया जाता है।
Bahuddeshiya Nadi ghati Pariyojanayon ke Laabh EvM Haani:-
No.4. वन्य भूमि पारितंत्र के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए, इन बांधों के जल संग्रहण क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके
से वृक्षों का रोपण किया जाता है, ताकि मिट्टी के कटाव को रोका जा सके। इसका परिणाम यह होता है कि वन्य
भूमि पारितंत्र सुरक्षित हो जाता है और मिट्टी का कटाव होने से बच जाता है।
No.5. वन्य भूमि पारितंत्र के संरक्षित हो जाने के परिणाम स्वरूप जंगली जीवों को भी पर्याप्त आश्रय मिल जाता
है और वे निर्भय होकर जीवन यापन करते हैं। उनके जीवन यापन के लिए खानपान एवं रहन सहन से संबंधित
पर्याप्त सुविधाएं प्राकृतिक रूप से उपलब्ध हो जाती हैं।
बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के लाभ व हानि:-
No.6. नदियों पर नदी घाटी परियोजनाएं वैज्ञानिक ढंग से स्थापित एवं विकसित की गई हैं। परिणाम स्वरूप
अच्छी प्रकार से सुव्यवस्थित ये बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन
जाती हैं और अधिक मात्रा में सैलानी आने के कारण आमदनी भी बढ़ जाती है।
No.7. इन बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के परिणाम स्वरूप नदी एवं नहरों से आंतरिक स्थलीय नौका
परिवहन की सुविधा भी आसानी से मिल जाती है। इससे कई सैलानी नौकायन प्रतियोगिता का भी आनंद लेते हैं।
बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के लाभ व हानि:-
बहुद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं से होने वाले हानियां निम्नलिखित हैं:-
No.1. बहुद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं को नदियों के जल को नियंत्रित करने एवं बांध बनाने से नदियों के
जल के प्राकृतिक बहाव में बाधा उत्पन्न होती है। इसका परिणाम यह होता है कि नदियों के पानी का अधिकांश
तलछट बांध के पीछे निर्मित जलाशयों में ही एकत्रित हो जाता है और पानी में केवल हल्का तलछट ही बहता
रहता है। निर्मित जलाशयों में तलछट के निरंतर एकत्रित होने से अर्थात जमा होने से यह कठोर हो जाता है।
इसके परिणाम स्वरूप जल में रहने वाले जीवों को अच्छा आवास नहीं मिल पाता है।
No.2. प्राकृतिक नदियों पर बांधों बनाए जाने के परिणामस्वरूप नदी कई भागों में बढ़ जाती है। इसका परिणाम
यह होता है कि जो जलीय जीव इन नदियों में निवास करते हैं, उन्हें अपने अंडे देने में काफी कठिनाई आती है
अर्थात उन्हें अनुकूल माहौल नहीं मिल पाता है और काफी परेशानी होती है।
बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के लाभ व हानि:-
No.3. नदियों पर बड़े-बड़े बांधों के बनाए जाने के कारण से वहां के निवासियों को अपने उसे मूल निवास स्थान को
छोड़कर अन्य स्थान पर जाना पड़ता है। परिणाम स्वरूप इससे उनकी मूल भूमि एवं आजीविका के संसाधन छूट
जाते हैं और उन्हें जीवन में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के रूप में हम “टिहरी बांध
आंदोलन” एवं “नर्मदा बचाओ आंदोलन” की बात/चर्चा कर सकते हैं।
No.4. नदियों पर बांध बनाए जाने के परिणाम स्वरूप वहां निर्मित जलाशयों के कारण आसपास के क्षेत्र जलाशयों
में जलमग्न हो जाते हैं अर्थात डूब जाते हैं और वहां की प्राकृतिक वनस्पति एवं उपजाऊ भूमि जल में समा जाती हैं
अर्थात जलमग्न हो जाती है। इससे वन्य जीव जंतुओं का भी आश्रय छिन जाता है।
बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के लाभ व हानि:-
No.5. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। यहां एक ही जल संसाधन से भिन्न-भिन्न लोगों के भिन्न-भिन्न हित जुड़े होते
हैं जब भी किसी समुदाय के लोगों के हितों की अवहेलना होती है अर्थात उन्हें नजरअंदाज किया जाता है, तब हितों
की रक्षा हेतु उनमें तनाव और झगड़े बढ़ जाते हैं जो कि सभ्य समाज के लिए एक अच्छी बात नहीं है।
No.6. नदियों पर निर्मित बांधों के पीछे निर्मित कृत्रिम जलाशयों में काफी मात्रा में नदियों द्वारा बहा कर लाई गई
तलछट के जमा हो जाने से वह पानी की अधिक मात्रा को सहेजने में असमर्थ हो जाते हैं और स्वयं ही बाढ़ का कारण बन जाते हैं।
उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बहुद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के संदर्भ में उपलब्ध करवाई गई पाठ्य सामग्री आपके लिए ज्ञानवर्धक सिद्ध होगी। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आए तो पोस्ट को लाइक अवश्य करें।