भारत के परमाणु विद्युत संयंत्र

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भारत के परमाणु विद्युत संयंत्र
भारत के परमाणु विद्युत संयंत्र

भारत के परमाणु विद्युत संयंत्र:-आज इस आर्टिकल में SSCGK आपसे भारत के परमाणु विद्युत संयंत्र के
बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।इससे पहली पोस्ट में आप भारत के उपराष्ट्रपति एवं उनका कार्यकाल के बारे में
विस्तार से पढ़ चुके हैं।

भारत के परमाणु विद्युत संयंत्र:-

हमारा देश भारत एक विकासशील देश है। यहां लोगों की दिनों दिन बढ़ती हुई विद्युत की दैनिक आवश्यकताओं
को पारंपरिक स्रोतों से पूरा नहीं किया जा सकता। इसी कारण से संपूर्ण विद्युत की आवश्यकताओं का एक बड़ा
भाग गैर पारंपरिक स्रोतों से पूरा किया जाता है। हम यह बात भली-भांति जानते हैं कि हमारे देश ने नाभिकीय ज्ञान
और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों से आत्मनिर्भरता प्राप्त की है।
डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा ने इस क्षेत्र में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने ही भारतीय नाभिकीय
कार्यक्रम की कल्पना की और इसकी(परमाणु ऊर्जा की) आधारशिला रखी। तभी से लेकर परमाणु ऊर्जा विभाग
में कार्यरत वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने अपने अथक प्रयासों से इसे आगे बढ़ाया है।

भारत के परमाणु विद्युत संयंत्र जीके फॉर एच एस एस सी  :-

परमाणु विद्युत उत्पादन प्रारंभ करने हेतु भारत में परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना 1954 में की गई थी। परमाणु विद्युत ग्रहों के सुरक्षित संचालन एवं भारत सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के अनुपालना में बिजली उत्पादन के लिए परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं को लागू करने के लिए, 1987 में “न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया” की स्थापना की गई।

न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया” द्वारा संचालित भारत के परमाणु विद्युत संयंत्रों की सूची निम्नलिखित है-

No.1. तारापुर

No.2. रावतभाटा

No.3. जैतपुरा

No.4. नरोरा

No.5. कुडनकुलम

No.6. कलपक्कम

No.7. कैगा

No.8. काकरापार

BHARAT KE A PARMANU VIDYUT SANYANTRA-

No.1. तारापुर– तारापुर भारत का पहला परमाणु विद्युत संयंत्र है। इसे संयुक्त राज्य अमेरिका की सहायता से 1972 में लगाया गया था/ स्थापित किया गया था। महाराष्ट्र राज्य किए पालघर में स्थित है। इसके प्रचालक न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया है। इसकी कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 1400 मेगावाट है। इसमें उबलते पानी वाला रिएक्टर (BWR) तथा दबाव वाले भारी जल रिएक्टर (PHWR) लगाए गए हैं।इसमें 160 मेगावाट की दो इकाइयां तथा 540 मेगावाट की दो इकाइयां लगाई गई हैं।

BHARAT KE A PARMANU VIDYUT SANYANTRA FOR SSC CGL-

No.2. रावतभाटा- रावतभाटा परमाणु विद्युत संयंत्र का निर्माण राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में 1973 में किया गया था।प्रारंभ में इसे कनाडा की सहायता से शुरू किया गया था लेकिन बाद में भारतीय वैज्ञानिकों ने स्वदेशी तकनीक से इसे पूरा किया। इसके प्रचालक न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया हैं। इसमें दबाव वाले भारी जल रिएक्टर लगाए गए हैं। इन संयंत्रों में भारी जल का इस्तेमाल परिमार्णक और शीतल के रूप में किया जाता है। इस संयंत्र की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 1180 मेगावाट है इसमें 100 मेगावाट की एक इकाई, 200 मेगावाट की एक इकाई और 220 मेगावाट की प्यार इकाइयां लगाई गई हैं।

BHARAT KE A PARMANU VIDYUT SANYANTRA FOR HSSC-

No.3. जैतपुरा- जैतपुरा परमाणु विद्युत संयंत्र महाराष्ट्र राज्य के रत्नागिरी नामक स्थान पर स्थित है। इसका निर्माण 1972 में किया गया था।इसमें EPR अर्थात इलेक्ट्रॉन अनुचुंबकीय अनुनाद (ELECTRON PARAMAGNETIC RESONANCE) रिएक्टर लगाए हैं। यह संयंत्र न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित है तथा संचालित है।इस संयंत्र की उत्पादन क्षमता भारत के अन्य सभी परमाणु संयंत्रों की उत्पादन क्षमता से अधिक है। इसकी कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 9900 मेगावॉट है। इसमें 1650 मेगावाट की कुल 6 इकाइयां लगाई गई हैं।

भारत के परमाणु विद्युत संयंत्र:-

No.4. नरोरा- नरोरा परमाणु विद्युत संयंत्र का निर्माण उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 1989 में किया गया था। यह संयंत्र न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित एवं संचालित है। इसमें परमाणु विद्युत उत्पादन करने के लिए दबाव वाले भारी जल रिएक्टर लगाए गए हैं। इन रिएक्टरों में भारी जल का इस्तेमाल परिमार्णक और शीतलक के रूप में किया जाता है। इसकी कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 440 मेगावाट है। इसमें 220 मेगावाट की दो इकाइयां स्थापित की गई हैं।

No.5. कुडनकुलम- कुडनकुलम परमाणु विद्युत संयंत्र का निर्माण रूस की सहायता से तमिलनाडु राज्य के तिरुनेलवेली नामक स्थान पर, 2017 में किया गया था। अब यह विद्युत संयंत्र न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा संचालित है। इसमें जल- जल ऊर्जावान रिएक्टर -100 लगाए गए हैं। इस परमाणु विद्युत संयंत्र की विद्युत उत्पादन क्षमता 2000 मेगावाट है। इस संयंत्र में 1000 मेगावाट की दो इकाइयां लगाई गई हैं।

भारत के परमाणु विद्युत संयंत्र:-

No.6. कलपक्कम- कलपक्कम परमाणु विद्युत संयंत्र का निर्माण तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम नामक स्थान पर 1989 में किया गया था। यह संयंत्र न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित एवं संचालित है। इसमें विद्युत उत्पादन हेतु दबाव वाले भारी जल रिएक्टर लगाए गए हैं। इन संयंत्रों में भारी जल का इस्तेमाल परिमार्णक और शीतलक के रूप में किया जाता है। इस संयंत्र की विद्युत की कुल उत्पादन क्षमता 470 मेगावाट है। इस संयंत्र में 235 मेगावाट की दो इकाइयां स्थापित की गई हैं।

No.7. कैगा- कैगा परमाणु विद्युत संयंत्र का निर्माण फ्रांस के सहयोग से कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड़ नामक स्थान पर 2000 में किया गया था। यह संयंत्र अब न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा संचालित है। इसमें दबाव वाले भारी जल रिएक्टर स्थापित किए गए हैं। इन रिएक्टरों में भारी जल का इस्तेमाल परिमार्णक और शीतलक को के रूप में किया जाता है।इसकी कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 880 मेगावाट है इसमें 220 मेगावाट की 4 इकाइयां स्थापित की गई हैं।

भारत के परमाणु विद्युत संयंत्र:-

No.8. काकरापार- काकरापार परमाणु विद्युत संयंत्र का निर्माण सन 1993 में गुजरात राज्य के सूरत में किया गया था। यह परमाणु विद्युत संयंत्र न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित एवं संचालित है। इस संयंत्र में दबाव वाले भारी जल रिएक्टर (PHWR) लगाए गए हैं। इन रिएक्टरों में भारी जल का इस्तेमाल परिमार्णक और शीतलक को के रूप में किया जाता है। इस संयंत्र की विद्युत उत्पादन क्षमता 440 मेगावाट है। इसमें 220 मेगावाट की दो इकाइयां स्थापित की गई हैं।