काल की परिभाषा व भेद :- आज SSCGK आपसे काल के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे इसलिए पोस्ट में हमने आपसे लिंग की परिभाषा व भेदों के बारे में विस्तार से बात की थी।
काल की परिभाषा व भेद:-
हिंदी व्याकरण में काल का शाब्दिक अर्थ होता है समय ।अर्थात् जिससे हमें किसी काम के करने या होने के समय का पता चले, काल कहलाता है।
जैसे :-
मोहन ने पुस्तक पढ़ी |
राधा ने गाना गाया।
राजा बाजार गया।
रोशनी पुस्तक पढ़ रही है।
राधिका खाना बना रही है ।
मोनू विद्यालय जा रहा है।
लक्षिता बाजार जाएगी।
जिया पुस्तक पढेगी।
उपरोक्त वाक्यों का अध्ययन करने के उपरांत हमें ज्ञात हुआ कि कुछ क्रियाएं तो पहले ही समाप्त हो चुकी हैं, कुछ क्रिया चल रही हैं और कुछ क्रियाएं आने वाले समय में संपन्न होंगी।
इन सभी क्रियाओं से हमें उनके होने के समय के बारे में समुचित जानकारी मिल रही है । किसी क्रिया के संपन्न होने के समय को ही काल कहते हैं।
हिंदी में काल की परिभाषा व भेद:- “क्रिया के जिस रुप से हमें किसी काम के करने या होने के समय का पता चले, उसे काल कहते हैं।”
काल के भेद:-
हिंदी में काल के तीन भेद बताए गए हैं:-
- भूतकाल
- वर्तमान काल
- भविष्यत काल
1.भूतकाल:-क्रिया के जिस रुप से हमें किसी काम के बीते हुए समय में पूरा होने का पता चले, उसे भूतकाल कहते हैं।
जैसे:-
अध्यापक बच्चों को पढ़ा रहा था।
कुछ बच्चे मैदान में खेल रहे थे।
नेहा ने पुस्तक पढ़ी।
भूतकाल के छः भेद होते हैं:-
१). सामान्य भूतकाल
२). आसन्न भूतकाल
३). पूर्ण भूतकाल
४). अपूर्ण भूतकाल
५). संदिग्ध भूतकाल
६). हेतुहेतुमद् भूतकाल
हिंदी में काल की परिभाषा व भेद:
१). सामान्य भूतकाल:-जिस क्रिया रूप से काम के सामान्य रूप से बीते हुए समय में पूरा होने का पता चले, उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं ।
जैसे:-
आज सुबह बहुत तेज बारिश हुई।
परिवार के सभी सदस्यों ने मिलकर खाना खाया।
नेहा ने कविता याद की।
२). आसन्न भूतकाल:-जिस क्रिया रूप किसी काम के कुछ समय पहले पूरा होने का पता चले तो, उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं ।
जैसे:-
बच्चा बच्चा अभी सोया है।
पिताजी बाजार से अभी आए हैं।
देव अभी अपने घर गया है।
३). पूर्ण भूतकाल:-जिस क्रिया रूप से किसी कार्य की बहुत समय पहले पूरा हो जाने का पता चलता है, उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं।
जैसे:-
नेता जी ने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था।
तनु ने गाना गाया था।
2011 में भारत ने क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था।
पानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 में हुई थी।
काल की परिभाषा व प्रकार :-
४). अपूर्ण भूतकाल:- जिस क्रिया रूप से किसी काम के भूतकाल में शुरू होने का तो पता चले, लेकिन वह अभी तक पूरा नहीं हुआ हो ,तो उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं।
जैसे:-
बच्चे सुंदर गाना गा रहे थे।
बहुत तेज बारिश हो रही थी।
परिवार के सभी सदस्य मेला देखने जा रहे थे।
५). संदिग्ध भूतकाल:- जिस क्रिया रूप से किसी काम के भूतकाल में पूरा होने के विषय में संदेह हो, उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं।
जैसे:–
सभी विद्यार्थी अपने घर जा चुके होंगे।
भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच चल रहा होगा।
देव हवाई जहाज से दिल्ली जा चुका होगा।
६). हेतुहेतुमद् भूतकाल:- जिस क्रिया रूप से किसी एक काम का होना या ना होना दूसरे काम के होने या ना होने पर निर्भर हो, तो उसे हेतुहेतुमद् भूतकाल कहते हैं।
जैसे:-
अगर डॉक्टर सही समय पर आता, तो मरीज की जान बच जाती।
तुमने अगर ठीक समय पर मेहनत की होती, तो पास हो गए होते।
यदि बस समय पर मिल गई होती, तो मैं घर जल्दी पहुंच गया होता।
काल की परिभाषा व भेद/प्रकार :-
2.वर्तमान काल:- जिस क्रिया रूप से किसी काम के वर्तमान समय में होने का पता चले, तो उसे वर्तमान काल कहते हैं।
जैसे :-
पलक खाना खाती है।
ललिता झाड़ू लगाती है।
शालू सब्जी काटती है।
बच्चे पढ़ने के लिए विद्यालय जाते हैं।
वर्तमान काल के तीन भेद होते हैं:-
१).सामान्य वर्तमान काल
२).अपूर्ण वर्तमान काल
३).संदिग्ध वर्तमान काल
१).सामान्य वर्तमान काल:- जिस क्रिया रूप से किसी कार्य के वर्तमान समय में पूरा होने का बोध हो ,तो उसे सामान्य वर्तमान काल कहते हैं।
जैसे:-
तनु पुस्तक पढ़ती है ।
जिया गाना गाती है ।
देव बाजा बजाता है।
२). अपूर्ण वर्तमान काल-जिस क्रिया रूप से किसी काम के वर्तमान में शुरू होने का तो पता चले, लेकिन पूरा न होने का बोध हो ,तो उसे पूर्ण वर्तमान काल कहते हैं।
जैसे:-
नीता खाना बना रही है।
रौनक चाय बना रही है।
दीपू सब्जी बना रही है।
३). संदिग्ध वर्तमान काल:- जिस क्रिया रूप से किसी काम के वर्तमान समय में पूरा होने का संदेह हो, तो उसे संदिग्ध वर्तमान काल कहते हैं ।
जैसे:-
नेहा खाना खा रही होगी ।
लक्षिता पुस्तक पढ़ रही होगी।
तनु परीक्षा दे रही होगी।
काल की परिभाषा व भेदों का वर्णन :
- भविष्यत् काल:-जिस क्रिया रूप से किसी काम के भविष्य में पूरा होने का पता चले, तो उसे भविष्यत् काल कहते हैं ।
जैसे-
मैं कल बाजार जाऊंगा ।
सचिन कल क्रिकेट खेलेगा।
मोनू कल दिल्ली जाएगा।
भविष्यत् काल के दो भेद होते हैं:-
१). सामान्य भविष्यत् काल
२). संभाव्य भविष्यत् काल
१). सामान्य भविष्यत् काल:- जिस क्रिया रूप से किसी काम के भविष्य में सामान्य रूप से होने का पता चले, तो उसे सामान्य भविष्यत् काल हैं ।
जैसे :-
ज्योति पतंग उठाएगी।
दीपू पुस्तक पढेगी।
स्नेहा बाजार जाएगी।
२). संभाव्य भविष्यत काल:- जिस क्रिया रूप से किसी काम के भविष्य में होने की संभावना का पता चलता है, तो उसे संभाव्य भविष्यत काल कहते हैं ।
जैसे :-
शायद मोनू कल दिल्ली जाए।
ज्योति परीक्षा में शायद पास हो जाए।