वाक्य की परिभाषा व भेद:- आज SSCGK आप से वाक्य की परिभाषा व भेद के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। पिछली पोस्ट में आप अव्यय परिभाषा व भेद के बारे में पढ़ चुके हैं।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसे अपने विचार प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करने के लिए वाक्य की आवश्यकता पढ़ती है। लेकिन वाक्य में शब्दों का व्यवस्थित क्रम होना अति आवश्यक है।
हिंदी में वाक्य की परिभाषा व भेद:-
वाक्य की परिभाषा व भेद:-“शब्दों के व्यवस्थित एवं सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं।”
जैसे:-
राम पुस्तक पढ़ता है।
सुमन खाना खाती है।
मोनू विद्यालय जाता है।
गीता गाना गाती है।
श्री कृष्ण बांसुरी बजाता है।
राधा नाचती है।
वाक्य के अंग:-
साधारण/सरल वाक्य के दो अंग होते हैं:-
1).उद्देश्य
2).विधेय
1). उद्देश्य:- वाक्य में जिसके बारे में बात की जाए, उसे उद्देश्य कहते हैं ।
जैसे-
मोहन फुटबॉल खेलता है।
इस वाक्य में ‘मोहन‘ उद्देश्य है।
2).विधेय:- वाक्य में उद्देश्य/कर्ता के बारे में जो कहा जाए ,उसे विधेय कहते हैं।
जैसे:-
मोहन फुटबॉल खेलता है।
इस वाक्य में ‘फुटबॉल खेलता है‘ विधेय है।
वाक्य के भेद/प्रकार :-
वाक्य के दो आधार पर भेद किए जाते हैं:-
No.1.रचना के आधार पर
No.2.अर्थ के आधार पर
No.1.रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं:-
1).सरल वाक्य
2).संयुक्त वाक्य
3).मिश्र वाक्य
1). सरल वाक्य:- जिस वाक्य में एक उद्देश्य तथा एक विधेय हो, उसे सरल वाक्य कहते हैं।
जैसे:-
साहिल पुस्तक पढ़ता है।
सचिन केला खाता है।
किसान खेत में हल चलाता है।
बच्चा खिलौने से खेलता है।
राकेश एक प्राथमिक अध्यापक है।
2). संयुक्त वाक्य:-जब दो या दो से अधिक सरल वाक्य या वाक्यांश समुच्चयबोधक अव्यय से जुड़े हो तो, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं ।
जैसे:-
श्री कृष्ण बांसुरी बजा रहे हैं और राधा नाच रही है।
हितेश ने अपना काम पूरा किया और वह अपने घर चला गया।
हरजीत विद्यालय जाता है और वहां मन लगाकर पढ़ता है।
3). मिश्र वाक्य:- जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य हो तथा दूसरा आश्रित उपवाक्य हो, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।
जैसे :-
सन्दीप ने खाना खाया और सो गया।
जब मै घर से निकला तब वर्षा हो रही थी।
यदि तुम आओगे तो हम भी चलेगे।
श्रीमानजी वह काम हो गया है जिसे करने के लिए आपने कहा था।
हिंदी में अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद:-
No.2. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद:-
अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं:-
1). विधान वाचक वाक्य
2). निषेधवाचक वाक्य
3). प्रश्नवाचक वाक्य
4). आज्ञा वाचक वाक्य
5). विस्मयादिवाचक वाक्य
6). संदेह वाचक वाक्य
7). इच्छा वाचक वाक्य
8). संकेतवाचक वाक्य
1). विधान वाचक वाक्य:- जिस वाक्य से किसी काम के होने का बोध हो,उसे विधानवाचक वाक्य कहते हैं ।
जैसे:-
मोनू आज दिल्ली जाएगा।
रोशनी ने पाठ याद कर लिया है।
2). निषेधवाचक वाक्य:-जिस वाक्य से किसी काम के ना होने का बोध हो,उसे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे:-
बच्चों यहां मत खेलो।
राकेश आज विद्यालय में नहीं आया।
3). प्रश्नवाचक वाक्य:-जिस वाक्य का प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाए, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं ।
जैसे :-
क्या मोनू स्कूल में आया था?
क्या ज्योति ने खाना खाया था?
वाक्य की परिभाषा व भेद:
4). आज्ञावाचक वाक्य:- जिस वाक्य से आज्ञा देने का बोध होता है, उसे आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे:-
बच्चों अपना पाठ याद करो।
मोहन, तुम अभी बाजार चले जाओ।
जिया, तुम अपना का कमरा साफ करो।
5) विस्मयादिवाचक वाक्य:-जिस वाक्य से आश्चर्य, हर्ष शोक, विस्मय आदि भाव प्रकट होते हैं, उसे विस्मयादिवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे:-
वाह! क्या शानदार दृश्य है ।
अरे! तूने यह क्या कर दिया।
6). संदेहवाचक वाक्य:- जिस वाक्य से किसी काम के होने के बारे में संदेह प्रकट हो उसे संदेह वाचक वाक्य कहते हैं ।
जैसे:-
शायद आज दोपहर को वर्षा हो ।
लक्षिता ने खाना खा लिया होगा।
ज्योति ने पाठ पढ़ लिया होगा।
7). इच्छावाचक वाक्य:- जिससे किसी आशीर्वाद, कामना, इच्छा आदि का बोध हो, उसे इच्छा वाचक कहते हैं।
जैसे:-
सौभाग्यवती भव।
भगवान आपकी आयु लंबी करें।
अपना भारत प्रगति करता रहे।
8). संकेतवाचक वाक्य:-इस वाक्य में एक कार्य का होना दूसरे कार्य के होने या ना होने पर निर्भर करें उसे संकेतवाचक वाक्य कहते हैं|
जैसे :-
यदि परिश्रम करोगे तो पास हो जाओगे।
अगर राम बाजार जाएगा तो मैं भी जाऊंगा।
यदि आप बारात में चलोगे तो मैं भी चलूंगा।