पढ़े भारत अभियान-आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको पढ़े भारत अभियान नामक विषय के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। इससे पहले आर्टिकल में आप आरटीई एक्ट 2009 की प्रमुख अपेक्षाएं के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।
पढ़े भारत अभियान-
1 जनवरी 2022 को भारतीय शिक्षा मंत्रालय ने ‘पढ़े भारत अभियान’ नामक अभियान शुरू किया एवं इसके लिए पांच आवश्यक किताबों की पहली सूची जारी की। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने छात्रों के लिए 100 दिवसीय पठन अभियान की शुरुआत की| इस पठन अभियान का केंद्र कक्षा 8वीं के छात्र छात्राओं पर होगा और उनके भीतर पुस्तकों को पढ़ने के लिए एक इच्छा शक्ति जगाई जाएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री महोदय धर्मेंद्र प्रधान का मानना हैं कि छात्र जितनी पुस्तकें अपने जीवन में पढ़ेंगे, उतना ही आगे देश बढ़ेगा। इस अभियान के तहत, पांच पुस्तकों के नाम साझा किए गए हैं।
पढ़े भारत अभियान-
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का ऐसा मानना हैं कि विद्यार्थी जितनी अधिक पुस्तके अपने जीवन में पढ़ेंगे, उतना ही आगे देश बढ़ेगा| मंत्री महोदय धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि किताबें पढ़ना एक स्वस्थ आदत है और संज्ञानात्मक, भाषा और सामाजिक कौशल विकसित करने का एक शानदार तरीका है। विभाग की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, कि उन्होंने सभी को किताबें पढ़ने की आदत अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अभियान के तहत, धर्मेंद्र प्रधान ने उन पांच पुस्तकों के नाम साझा करते हुए बताया की पहली 5 पुस्तकों की पहली सूची जारी कर दी गई है जो कि निम्नलिखित हैं –
1.एटॉमिक हैबिट्स (जेम्स क्लियर)
2.लिटिल बुक ऑफ हैप्पीनेस (रस्किन बोंड)
3.रिफ्लेक्शन (स्वामी विवेकानंद)
4.चिलिका (बीबरा राधानाथ रे)
5.प्रायश्चित (फकीर मोहन सेनापति, ओडिया लेखक)
Padhe Bharat Abiyaan-
100 DAYS OF READING COMPAIGN-
पढ़ेगा भारत अभियान का पहला चरण 14 सप्ताह तक जारी रहेगा, जिसमें हर तरह की किताबें छात्रों को
पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। दिशा निर्देशों में छात्रों के लिए धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि किताबें
पढ़ना एक स्वस्थ आदत है और संज्ञानात्मक, भाषा और सामाजिक कौशल विकसित करने का एक शानदार
तरीका है| यह गतिविधियों का एक कैलेंडर हैं, साथ ही इन गतिविधियों का गठन इस तरह से किया जाता है
कि छात्र उन्हें घर पर उपलब्ध संसाधनों की मदद से कर सकें| दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि स्कूल बंद
होने की स्थिति में छात्र परिवार या साथियों की मदद ले सकते हैं|
इस 100 दिनों के अभियान के तहत, प्रति सप्ताह प्रति समूह एक गतिविधि तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य पठन
को सुखद बनाना और पढ़ने के आनंद के साथ आजीवन जुड़ाव बनाना है। मंत्रालय ने इस पठन अभियान के साथ-
साथ गतिविधियों के आयु-उपयुक्त साप्ताहिक कैलेंडर पर एक व्यापक दिशानिर्देश तैयार किया है। सभी दिशा-
निर्देश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को साझा किए गए हैं। इस पठन अभियान को “मूलभूत साक्षरता और
संख्यात्मक मिशन” के लक्ष्यों और दृष्टि के साथ भी जोड़ा गया है।