अजय जडेजा एक शानदार क्रिकेटर-
श्री रणजीत सिंह विभाजी जडेजा ने भारत में सर्वप्रथम क्रिकेट को फैलाने का काम किया| रणजीत सिंह गुजरात के नवानगर के राजपूत राजा थे,|
रणजीत सिंह ही वो पहले भारतीय थे, जिन्होंने इंग्लैंड में पहले ससेक्स और फिर इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेला, बाद में इन्ही के नाम पर भारत में सबसे प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी की शुअरुआत हुई जो आज भी खेली जाती है|
इसी घरेलू सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भारतीय टीम में जगह मिलती है, इनके अलावा कुमार श्री दलीप सिंह जडेजा, जिनके नाम पर भारत में दलीप ट्रॉफी खेली जाती है, वो भी इसी परिवार के सदस्य थे।
अजय सिंह जडेजा का जन्म क्रिकेट के लिए मशहूर इसी शाही परिवार में 1 फरवरी 1971 को जामनगर में हुआ था |इनका पूरा नाम अजय सिंह दौलत सिंह जी जडेजा था|
Ajay Jadeja a Brilliant Cricketer of BHARAT-
हम आपको बता दें कि राजा रणजीत सिंह जी अजय के पिता के दादा जी के भाई थे, तो दलीपसिंह जी अजय के पिता के चाचा थे, इस तरह क्रिकेट तो अजय की नस नस में था और इन्हें विरासत में ही मिला था|
अजय जडेजा ने अपने परदादा और दादा जी के पदचिन्हों पर चलते हुए महान खिलाड़ी बनना चाहते थे, इसीलिए अजय बचपन से ही क्रिकेट खेलने लगे और हरियाणा की रणजी टीम का हिस्सा बन गये\
जडेजा का सपना साल 1992 के विश्वकप में पूरा हुआ जब उन्हें विश्वकप के लिए चुनी गयी भारतीय टीम में चुना गया| अजय जडेजा ने अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज इसी विश्वकप में श्रीलंका के खिलाफ किया था|
अजय जडेजा एक शानदार क्रिकेटर-
अजय ने अपने करियर में 15 टेस्ट और 196 वनडे अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले| उन्होंने टेस्ट में 4 अर्धशतकों की बदौलत कुल 576 रन बनाए। वनडे में उन्होंने 6 शतक और 30 अर्धशतकों की मदद से 37.47 के औसत से कुल 5359 रन बनाए। इसके अलावा 20 विकेट भी लिए। फर्स्ट क्लास करियर में उन्होंने 20 शतक और 40 अर्धशतक लगाए और कुल 8100 रन उनके नाम दर्ज हैं। अजय ने अंतरराष्ट्रीय करियर में कुल 5935 रन बनाए।
विश्वकप 1996 के एक क्वार्टर फाइनल मैच में वकार यूनिस के ओवर में अनिल कुंबले के साथ 22 रन ठोकने वाला भारतीय, बेस्ट फील्डर में गिनती होती थी|एक बेहतरीन बल्लेबाज और शानदार फील्डर के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले अजय जडेजा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में करीब 6 हजार रन बनाए. साल 1996 के वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल मैच में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 25 गेंदों पर 45 रन की यादगार पारी खेली।
भारत के पूर्व वनडे कप्तान अजय जडेजा आज यानी 1 फरवरी 2022 को 51 साल के हो गए। गुजरात के जामगनर में 1971 में जन्मे अजय जडेजा की गिनती एक शानदार बल्लेबाज और बेहतरीन फील्डर के तौर पर होती थी।
अजय जडेजा एक शानदार क्रिकेटर-
जडेजा ने अपने करियर में कई कमाल की पारियां खेलीं लेकिन 1996 के वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ (India vs Pakistan) उनके आक्रामक अंदाज को आज भी याद किया जाता है। अजय जडेजा ने तब वकार यूनिस के एक ही ओवर में अनिल कुंबले के साथ मिलकर 22 रन बना डाले थे।
अजय जडेजा ने 1992 में वनडे डेब्यू किया। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला मैच श्रीलंका के खिलाफ खेला लेकिन बारिश के कारण इस मुकाबले का कोई परिणाम नहीं निकल सका। फिर दूसरे वनडे में वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1 रन बना सके और तीसरे वनडे में पाकिस्तान के खिलाफ सिडनी में 46 रन की पारी खेलकर उन्होंने कुछ दम दिखाया।
अपने पहले वनडे शतक के लिए उन्हें करीब 2 साल इंतजार करना पड़ा। दिल्ली में न्यूजीलैंड के खिलाफ 90 रन की पारी खेलने के बाद साल 1994 में ही उन्होंने कटक में वेस्टइंडीज के खिलाफ 104 रन बनाए।
अजय जडेजा एक शानदार क्रिकेटर-
पाकिस्तान के खिलाफ यादगार मैच साल 1996 के वर्ल्ड कप में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ यादगार पारी खेली। बेंगलुरु में खेले गए वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल मैच में उन्होंने वकार यूनिस के भारत की पारी के 48वें ओवर में कुल 22 रन बना डाले। उन्होंने ओवर में एक छक्का और 1 चौका जड़ा जबकि कुंबले ने 2 चौके लगाए। उन्होंने उस मैच में आतिशी अंदाज दिखाया और 25 गेंदों पर 4 चौके, 2 छक्के लगाते हुए कुल 45 रन बनाए।
खास बात है कि भारत ने 1992 के चैंपियन पाकिस्तान को 39 रन से हराकर सेमीफाइनल का टिकट कटाया था। मुकाबले में नवजोत सिंह सिद्धू ने 93 रन की पारी खेली थी और उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया।
अजय जडेजा एक शानदार क्रिकेटर-
मैच फिक्सिंग और बैन घरेलू क्रिकेट में दिल्ली, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व करने वाले अजय जडेजा का करियर करीब
8 साल का रहा। उन्होंने साल 1992 में ही टेस्ट डेब्यू किया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डरबन में अपना पहला टेस्ट मैच खेला।
हालांकि सट्टेबाजी के आरोपों के चलते उनका करियर ज्यादा लंबा नहीं हो सका। दिसंबर 2000 में मैच फिक्सिंग के आरोपों के चलते
उन पर 5 साल का बैन लगा। सीबीआई जांच में कुछ निर्णायक नहीं निकला जिसके कारण उन पर लगा बैन हटा। जब जडेजा ने प्रतिबंध
का विरोध किया तो उन्होंने इस बीच एक्टिंग में भी हाथ आजमाया।
बैन हटा तो दिल्ली के बने कप्तान नवंबर 2004 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने की अनुमति मांगने वाली उनकी याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट
ने खारिज कर दिया था, जब सुनवाई के लिए उनकी ओर से कोई पेश नहीं हुआ था। हालांकि, एक डिवीजन बेंच ने बाद में उन्हें घरेलू क्रिकेट
खेलने की अनुमति दी और जडेजा दिल्ली लौट आए, जहां उन्हें कप्तान बनाया गया. सितंबर 2005 में उन्होंने राजस्थान के कप्तान और कोच
के रूप में दोहरी भूमिका निभाई। बाद में उन्हें क्रिकेट कमेंट्री में भी नाम कमाया।
In the earlier post we have discussed with you about in detail for all competitive exams.