आरटीई एक्ट 2009 की प्रमुख अपेक्षाएं :-इस आर्टिकल में आज SSCGK आपसे आरटीई एक्ट 2009 की प्रमुख अपेक्षाएं के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। इससे पहले आर्टिकल में आप सूर्य ग्रहण एक प्राकृतिक घटना के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।
आरटीई एक्ट 2009 की प्रमुख अपेक्षाएं:-
बच्चों की शिक्षा और अनिवार्य नि:शुल्क अधिनियम 2009, जिसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21a के तहत एक मौलिक अधिकार शिक्षा का अधिकार अधिनियम भी कहा जाता है|जैसा की आप जानते हैं कि निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 में संशोधन हेतु निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2019 लाया गया था। इस अधिनियम में प्रावधान है कि छात्रों को कक्षा 8 तक किसी भी कक्षा में अनुत्तीर्ण नहीं किया जाएगा।
आरटीई एक्ट 2009 से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी:-
- इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 है।
- इसका विस्तार संपूर्ण भारत में होगा।
- संविधान के अनुच्छेद 29 और अनुच्छेद 30 के उपबंधों के अधीन रहते हुए इस अधिनियम के उपबंध बालकों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार प्रदान किए जाने के संबंध में लागू होंगे।
4.इस अधिनियम की कोई बात मदरसों, वैदिक पाठशाला और मुख्य धार्मिक शिक्षा प्रदान करने वाली शैक्षणिक संस्थाओं को लागू नहीं होगी।
आरटीई एक्ट 2009 की प्रमुख अपेक्षाएं-
आरटीई 1.-“समुचित सरकार से –
(क).केंद्रीय सरकार या ऐसे राज्य क्षेत्र के जिसमें कोई विधानमंडल नहीं है, प्रशासक द्वारा स्थापित उसके स्वामित्वाधीन या नियंत्रणाधीन किसी विद्यालय के संबंध में, केंद्रीय सरकार,
(ख).उपखंड में विनिर्दिष्ट विद्यालय से भिन्नकिसी राज्य के राज्य क्षेत्र के भीतर स्थापित किसी विद्यालय के संबंध में राज्य सरकार विधानमंडल वाले किसी राज्य क्षेत्र के भीतर स्थापित विद्यालय के संबंध में उस संघ राज्य क्षेत्र की सरकार अभिप्रेत है।
RTE ACT 2009 MAIN FEATURES-
2.प्रति व्यक्ति फीस से विद्यालय द्वारा अधिसूचित इससे भिन्न किसी प्रकार का संदान या अभिदाय अथवा संदाय अभिप्रेत है।
3.बालक से 6 वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु का कोई बालक या बालिका अभिप्रेत है।
4.राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग से बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 (2006 का चार) की धारा 3 के अधीन गठित राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अभिप्रेत है।
5.’प्रारंभिक शिक्षा’ से पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक की शिक्षा अभिप्रेत है।
आरटीई एक्ट 2009 की प्रमुख अपेक्षाएं:-
आरटीई एक्ट 2009 अधिनियम की प्रमुख विशेषताएं-
एक्ट 2009 की परिभाषा-
नं.1.-यह अधिनियम 6 से 14 वर्ष के आयु वर्ग के सभी बच्चों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा सुनिश्चित करता है।
नं.2.-प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए किसी बच्चे द्वारा स्कूल फीस, कैपिटेशन शुल्क या किसी अन्य प्रकार के व्यय का भुगतान नहीं किया जाता है।
नं.3.-इस अधिनियम के अनुसार स्कूल में प्रवेश लेने के लिए बच्चे या उसके माता-पिता को किसी भी स्क्रीनिंग प्रक्रिया के अधीन नहीं किया जाना चाहिए।
आरटीई एक्ट 2009 की प्रमुख अपेक्षाएं–
नं.4.-6 वर्ष से ऊपर के बच्चे के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रावधान-यदि किसी बच्चे का किसी भी स्कूल में दाखिला नहीं किया गया है या वह अध्ययन जारी रखने में असमर्थ है, उसे अपनी कक्षा के बराबर लाने और उचित आयु वर्ग में भर्ती होने के लिए यह अधिनियम बनाया गया है।ऐसे मामलों में बच्चा अपने प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के लिए 14 वर्ष के आगे भी जारी रख सकता है। इस अधिनियम के अनुसार उसे अपनी शिक्षा पूरी करने का पूर्ण अधिकार होगा।
नं.5.-यदि कोई स्कूल प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के लिए किसी बच्चे को यह सुविधा प्रदान नहीं करता, तो उस स्कूल का वह बच्चा किसी अन्य सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में स्वयं को स्थानांतरित कर सकता है।
आरटीई एक्ट 2009 की प्रमुख अपेक्षाएं–
नं.6.-प्रत्येक अध्यापक पाठ्य पुस्तकों का लेखन सामग्री और वर्दी प्राप्त करने का हकदार होगा।
नं.7.-विद्यालय के स्थान का निर्धारण करने के लिए सरकार को मैपिंग करने की जिम्मेदारी है।
नं.8.-निजी स्कूलों में 25% सीटें आर.टी.ई. छात्रों के लिए के लिए आरक्षित है, जिन्हें सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। आर.टी.ई. निष्पादन के लिए धन उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र और राज्य संयुक्त जिम्मेदारी साझा करते हैं।
नं.9.-यह प्रत्येक माता-पिता का कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों का विद्यालय में प्रवेश सुनिश्चित करें और यह भी सुनिश्चित करें कि उन्हें प्राथमिक शिक्षा मिलती है।
नं.10.-आर टी ई के प्रचार के लिए राज्य को राष्ट्रीय शैक्षिक पाठ्यचर्या शिक्षक प्रशिक्षण पुस्तिका, क्षमता कक्षा 1-5 में 45 कार्य दिवसों के साथ 200 कार्य दिवस और कक्षा 6-8 में 220 का कार्य दिवस प्रति शैक्षिक वर्ष होना चाहिए।
आरटीई एक्ट 2009 की प्रमुख अपेक्षाएं-
नं.11.-सरकार की निर्माण और तकनीकी सहायता तैयार करने की पूर्ण जिम्मेदारी है।
नं.12.-स्कूलों के शिक्षकों को नियमित रूप से उपस्थिति, विशिष्ट समय के साथ पाठ्यक्रम पूरा करने, बच्चों
की क्षमता का आकलन करने और आवश्यकता होने पर विशेष ध्यान देने के लिए, बच्चों के समग्र विकास के
मूल्यांकन के लिए, अभिभावक शिक्षक बैठक आयोजित करना आदि सुनिश्चित करना है।
नं.13.-एक सौ से अधिक छात्रों के साथ एक स्कूल के लिए एक पूर्णकालिक हेड टीचर की सिफारिश की जाती है।
नं.14.-स्कूल को किसी भी आधार पर बच्चों को प्रवेश करना, एवं बच्चे के पूरे दौर के विकास को सुनिश्चित करना
तथा अभ्यास शामिल करना है।
नं.15.-शिक्षा के अधिकार अधिनियम में सीखने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए, स्कूलों और अधिकारियों
द्वारा बनाए रखने के लिए एक व्यापक मापक निर्धारित किया गया है।
आरटीई एक्ट 2009 की प्रमुख अपेक्षाएं-
अन्य प्रमुख विशेषताएं-
>आरटीई अधिनियम 2009 6 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के सभी बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य
शिक्षा सुनिश्चित करता है।
>आरटीई एक्ट 2009 के अनुसार जिस बच्चे की आयु 14 वर्ष हो गई है और उसने अपनी प्राथमिक
शिक्षा पूर्ण कर ली है। आर्थिक परिस्थितियां ठीक न होने के कारण वह आगे पढ़ने में असमर्थ है। इस
समस्या के निवारण के लिए भी आरटीआई एक्ट 2009 के तहत प्राइवेट स्कूलों में 25% सीटें आरक्षित
की गई है ताकि ऐसे गरीब बच्चे वहां प्रवेश लेकर अपना भविष्य उज्ज्वल बना सकें।
>कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को मिड डे मिल भी दिया जाता है ताकि गरीब बच्चों का भरण पोषण हो सके।
निष्कर्ष-
निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि शिक्षा एक मौलिक अधिकार है, जिसके बिना असभ्य जीवन के क्षमता
और समाज में प्रभावी भागीदारी दीक्षित का होना असंभव है। यद्यपि आरटीई एक्ट 2009 हमें अपने बच्चों को
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विशेष अधिकार उपलब्ध कराए हैं। इसके लिए यह परम आवश्यक है
कि हमें इस अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध होना चाहिए।