राज्य सरकारों की आय के प्रमुख साधन निम्नलिखित हैं-
1. मालगुजारी या भूमि कर यह राज्य सरकारों की आय का बहुत ही महत्त्वपूर्ण साधन है। भूमि कर निश्चितता, – मितव्ययता तथा सुविधा के सिद्धान्तों पर आधारित होते हैं, क्योंकि इस कर से सरकार को निश्चित आय होती है, इस कर को वसूल करने में राज्य सरकार को अधिक व्यय नहीं करना पड़ता तथा यह कर कृषकों को उस समय देना होता है जब फसल कट कर बाजार में बिक जाती है। यह कर लोचहीन भी है क्योंकि यह कृषक वर्ग की आय की वृद्धि के अनुपात में नहीं बढ़ता है।
2. बिक्री कर यह कर वस्तुओं की बिक्री पर लगाया जाता है, अतः वस्तुओं के उपभोक्ता पर कर-भार पड़ता है। बिक्री कर राज्य सरकारो की आय का प्रमुख साधन है।
3. कृषि आय कर यह कर कृषि से प्राप्त आय पर लगाया जाता है। इस कर का भार निर्धन कृषकों पर कम तथा धनी कृषकों पर अधिक पड़ता है।
4. आबकारी कर राज्य सरकारें गाँजा, चरस, अफीम, अल्कोहल, शराब, तम्बाकू आदि मादक वस्तुओं पर उत्पादन कर लगती है। इस कर से राज्य सरकारों को बहुत आय प्राप्त होती है। 5. मनोरंजन कर सिनेमा, नाटक, नाच घर आदि मनोरंजन के लिए जाने वाले व्यक्तियों से मनोरंजन कर लिया जाता है। यह कर टिकट की कीमत में सम्मिलित होता है। भारत में मनोरंजन कर 75 प्रतिशत की दर से लिया जाता है।