मुहावरे की परिभाषा व उदाहरण:-आज SSCGK आपसे मुहावरे की परिभाषा व उदाहरण के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
इसे पहली पोस्ट में आप अनेकार्थी शब्द की परिभाषा व उदाहरण के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।
मुहावरे की परिभाषा व उदाहरण:-
” भाषा में किसी विशेष अर्थ को प्रकट करने वाले वाक्यांश को मुहावरा कहते हैं।”
इनके प्रयोग से भाषा में नवीनता आती है। इनका प्रयोग भाषा को प्रभावशाली बनाने के लिए किया जाता है।
जैसे:-ईद का चांद होना,
कोल्हू का बैल,
कलम तोड़ना,
चढ़ती चिड़िया पहचानना,
छक्के छुड़ाना,
नानी याद आना आदि।
हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाले मुहावरे:-
- आंखों का तारा- बहुत प्यारा -राकेश अपने माता-पिता की आंखों का तारा है।
- अंधे की लाठी -एकमात्र सहारा- श्रवण कुमार अपने माता पिता की अंधे की लाठी था।
- अंग अंग टूटना -बहुत दर्द होना- बुखार के कारण मोहन का अंग अंग टूट गया है।
- अपना उल्लू सीधा करना -अपना मतलब पूरा करना- आज कल की दुनिया में लोग अपना उल्लू सीधा करने में लगे रहते हैं।
- ईद का चांद होना -बहुत दिनों बाद दिखाई देना -जब से तबादला हुआ है, हितेश तो ईद का चांद हो गया है।
- ईंट से ईट बजाना तहस-नहस करना भारत-पाक युद्ध में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानियों की ईंट से ईंट बजा दी।
- ईंट का जवाब पत्थर से देना -मुंह तोड़ जवाब देना- हम भारतीय ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं।
- आसमान सिर पर उठाना -बहुत शोर करना- कक्षा से अध्यापक के बाहर जाते ही बच्चों ने आसमान सिर पर उठा लिया
- हवा से बातें करना -बहुत तेज दौड़ना- महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक हवा से बातें करता था
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मुहावरे की परिभाषा व उदाहरण:
- हवाई किले बनाना -व्यर्थ की कल्पना करना-कामचोर लोग हमेंशा हवाई किले बनाने में लगे रहते हैं।
- चकमा देना -भाग जाना- कई नालायक बच्चे रोज रोज अध्यापक को चकमा दे जाते हैं।
- कान का कच्चा -दूसरों की बातों पर जल्दी विश्वास कर लेने वाला- देव तो कान का कच्चा है, उस पर कैसे यकीन करें।
- चिकना घड़ा -बेशर्म व्यक्ति- देव तो चिकना घड़ा है।
- कोल्हू का बैल -बहुत मेहनती- सतबीर तो कोल्हू का बैल है|
- गुदड़ी का लाल -छिपे हुए गुणों वाला व्यक्ति- लाल बहादुर शास्त्री भारत मां के गुदडी के लाल थे
- . कलम तोड़ना -सुंदर लिखना- रोशनी ने सुलेख लिखने में कलम तोड़ दी।
- काम आना -युद्ध में मारे जाना- युद्ध में बहुत से सैनिक काम आते हैं।
मुहावरे की परिभाषा व उदाहरण:-
- कान भरना– चुगली करना -कुसुमलता जैसी कई औरतें दूसरों के हमेंशा कान भरने में ही लगी रहती हैं।
- उड़ती चिड़िया पहचानना -दूसरे के मन की बात को जानना- नीता कोई आम महिला नहीं है, वह तो उड़ती चिड़िया पहचानती है।
- हाथों के तोते उड़ जाना -घबरा जाना- सामने बब्बर शेर को आता देखकर मेरे तो हाथों के तोते उड़ गए।
20.कलेजे पर सांप लोटना -ईर्ष्या होना- दूसरों की तरक्की देखकर कई लोगों के कलेजे पर सांप लेटने लगता है।
- छक्के छुड़ाना -बुरी तरह हराना- युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानियों के छक्के छुड़ा दिए।
- नौ दो ग्यारह होना- भाग जाना पुलिस को देखते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गया।
- अपनी खिचड़ी अलग पकाना -सबसे अलग रहना -सचिन तो अपनी खिचड़ी अलग ही पकाने में लगा रहता है।
- आकाश पाताल एक करना -पूरी कोशिश करना- परीक्षा के दिनों में छात्र किरण होने के लिए आकाश पाताल एक कर देते हैं।
- अक्ल के घोड़े दौड़ाना -हवाई कल्पना करना- दीपू तो हमेंशा अक्ल के घोड़े दौड़ाने में लगा रहता है।
- अगर मगर करना -टालमटोल करना- पंकज मान तो हमेंशा अगर मगर करने में लगा रहता है।
- आग बबूला होना -अत्यधिक क्रोध करना-जब अध्यापक ने बच्चों को शरारत करते देखा तो वह आग बबूला हो गया।
- आंखें बिछाना -आदर पूर्वक किसी का स्वागत करना- लोग अपने प्रियजनों के स्वागत के लिए आंखें बिछाए बैठे रहते हैं।
- आंखें खुल जाना -वास्तविकता का पता चलना- जब मैंने उसके काले कारनामों का पता चला तो मेरी आंखें खुल गई।
मुहावरे की परिभाषा व उदाहरण:
- अंगूठा दिखाना -साफ इनकार करना- जब मैंने दीपू से उसका पैन मांगा तो उसने अंगूठा दिखा दिया।
- उंगली पर नचाना -संकेत पर कार्य करवाना- राधा तो कृष्ण को उंगली पर नचाती है।
- उंगली उठाना -दोष निकालना -लोगों का क्या है, उनका तो काम ही है दूसरों पर उंगली उठाना।
- आंखें नीची होना– शर्मिंदा होना- बच्चों की नादान हरकतों से माता-पिता की आंखें नीची हो जाती हैं।
- कमर कसना– युद्ध के लिए तैयार होना – सैनिकों को हमेंशा कमर कसकर रहना पड़ता है।
- गड़े मुर्दे उखाड़ना -बीती बातों को फिर से याद करना- वर्तमान समय में गड़े मुर्दे उखाड़ने का कोई औचित्य नहीं है।
- गुड गोबर कर देना– बना बनाया काम बिगाड़ देना-सुदेश ने पनीर की सब्जी में ज्यादा नमक डालकर गुड गोबर कर दिया।
- गिरगिट की तरह रंग बदलना– बहुत जल्दी विचार बदल लेना-राजेश विश्वसनीय व्यक्ति नहीं है, वह तो गिरगिट की तरह रंग बदलता है।
- घाट घाट का पानी पीना– बहुत अनुभवी होना-शीशपाल की तो पूछो ही मत उसने तो घाट घाट का पानी पी रखा है।
- घुटने टेकना -हार मान लेना-पाकिस्तानी सेना ने भारतीय के सेना के सामने घुटने टेक दिए।
मुहावरे की परिभाषा व उदाहरण:-
- छूमंतर होना -भाग जाना, गायब होना-थोड़ा सा आराम करते ही शारीरिक थकान छूमंतर हो गई।
- जले पर नमक छिड़कना– दुखी मन को और दुखाना-संतोष तो हमेंशा जले पर नमक छिड़कती रहती है।
- टका सा जवाब देना -साफ इंकार कर देना -जब मैंने पाले से आर्थिक मदद मांगी तो उसने मुझे टका सा जवाब दे दिया।
- टेढ़ी खीर होना– कठिन कार्य -गणित के सवाल हल करना आम बच्चों के लिए टेढ़ी खीर हैं।
- टेढ़ी उंगली से घी निकालना –आसानी से काम न होना-राकेश से काम करवाना टेढ़ी उंगली से घी निकालने जैसा है।
- तिल का ताड़ बनाना -छोटी बात को बड़ी करके कहना-कला तो हमेंशा तिल का ताड़ बनाने में ही विश्वास रखती है।
- थूक कर चाटना -वादा करके मुकर जाना-श्यामलाल की तो हमेंशा से ही थूक कर चाटने की आदत रही है।
- थू थू करना -धिक्कारना-पप्पू के काले कारनामों के कारण आज लोग उस पर थू थू कर रहे हैं।
- दाल में काला होना -शक होना-मुझे तो पहले ही शक था कि जरूर दाल में कुछ काला है।
- दांतो तले उंगली दबाना -हैरान होना-धीरज की बहादुरी की बात सुनकर सभी गांव वालों ने दांतो तले उंगली दबा ली।
- मुहावरे की परिभाषा व उदाहरण:
- दूध का दूध पानी का पानी करना -पक्षपात रहित न्याय करना-सरपंच भीम ने पंचायत में दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया।
- नाक में दम करना -तंग करना -आजकल तनु ने मेरी तो नाक में दम कर रखा है
- घी के दिए जलाना -खुशियां बनाना-श्री रामचंद्र जी की अयोध्या लौटने पर वहां के लोगों ने घी के दिए जलाए।
- पांचों उंगलियां घी में होना -बहुत लाभ होना-आजकल संदीप की तो पांचो उंगलियां घी में है क्योंकि इस बार उसे व्यापार में बहुत मुनाफा हुआ है।
- पत्थर की लकीर होना -अमिट, स्थायी-जनाब हमारी बात तो पत्थर की लकीर है।
- तलवे चाटना -खुशामद करना-हमें अपना काम निकालने के लिए दूसरों के तलवे चाटने पढ़ते हैं।
- मुट्ठी गर्म करना -रिश्वत देना-इस कलयुग में अधिकारियों की मुट्ठी गर्म किए बिना बात नहीं बनती।
- बाग बाग होना- बहुत खुश होना-क्रिकेट में भारत की जीत होने पर अपना दिल तो बाग बाग हो गया।
- लोहे के चने चबाना -कठिनाई का अनुभव होना-लॉकडाउन में जीवन यापन करना लोहे के चने चबाना है।
- ठन ठन गोपाल -धन से बिल्कुल खाली- राजेश का क्या है वह तो ठन ठन गोपाल है।
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