दिल्ली के मेले:- इस आर्टिकल में आज SSCGK आपसे दिल्ली के मेले नामक विषय के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। इससे पहले आर्टिकल में आप दिल्ली के संग्रहालय के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।
दिल्ली के मेले:-
भारत की राजधानी होने का गौरव दिल्ली को प्राप्त है। यहां समय-समय पर आयोजित होने वाले मेले इसकी सुंदरता को चार चांद लगा देते हैं। समय-समय पर आयोजित होने वाले इन मेलों से जहां एक ओर लोगों का मनोरंजन होता है, वहीं ये मेले वाणिज्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं।
दिल्ली में समय-समय पर आयोजित होने वाले मेलों की सूची निम्नलिखित है:-
No.1. इंटरनेशनल ट्रेड फेयर
No.2. सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला
No.3. फूल वालों की सैर
No.4. इंटरनेशनल मैंगो फेस्टिवल
No.5. दिल्ली ऑटो एक्सपो
No.6. गार्डन टूरिज्म फेस्टिवल
No.7. दिल्ली पुस्तक मेला
No.8. कुतुब फेस्टिवल
No.1. इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर-भारत की राजधानी दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का आयोजन
हर वर्ष प्रगति मैदान में किया जाता है। यह मेला हर वर्ष 14 नवंबर को शुरू होता है और 15 दिनों तक चलता है।
सबसे पहली बार इस मेले का आयोजन 1980 में किया गया था। इस मेले में हस्तशिल्पों, मशीनों के कलपुर्जे तथा
ऐसे निर्माण उत्पादों की प्रदर्शनी तथा बिक्री की जाती है, जो आमतौर पर बाजारों में आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं।
Delhi ke Mele:-
No.2. सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला-सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला हर साल हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा दिल्ली के
निकट सूरजकुंड में हैंडलूम तथा हस्तशिल्प मेला लगाया जाता है। इस मेले का आयोजन फरवरी के महीने में
किया जाता है। यह मेला 15 दिनों तक चलता रहता है। पहली बार इस मेले का आयोजन 1981 में किया गया था।
इस मेले में देश के विभिन्न भागों से हस्तशिल्पी, पेंटर, मूर्तिकार आदि अपने कृतियों के साथ आते हैं और मेले में
भाग लेते हैं।इस मेले में विभिन्न राज्यों की लोक कला और लोक शिल्प की प्रदर्शनी भी लगाई जाती है।इस मेले को
देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं।
No.3. फूल वालों की सैर-इस मेले का आयोजन देश की राजधानी दिल्ली के महरौली में किया जाता है। लोग फूलों
से बनी हुई चादर को शहनाई बजाते हुए योगमाया नामक देवी के मंदिर में चढ़ाते हैं। फूलों से बनी चादर को योगमाया
नामक देवी के मंदिर में चढ़ाने से पहले लोग उसे महरौली की गलियों में घुमाते हैं। इस उत्सव में सभी धर्मों के लोग
बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं तथा परंपरा का निर्वाह करते हैं।
दिल्ली के मेले:-
No.4. इंटरनेशनल मैंगो फेस्टिवल- दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हर साल जुलाई के महीने में इंटरनेशनल
मैंगो फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। इस मेले में आमों की 500 से अधिक प्रजाति प्रदर्शित की जाती हैं। इस
मेले का लोगों को भी बेसब्री से इंतजार होता है। जहां दूसरे मेलों का संबंध मनोरंजन से होता है, वही इस मेले का
संबंध स्वाद से जुड़ा हुआ है।
No.5. दिल्ली ऑटो एक्सपो-दिल्ली के प्रगति मैदान में इस मेले का आयोजन हर साल किया जाता है इस मेले में
ऑटोमोबाइल तथा उससे जुड़े उत्पादों की प्रदर्शनी तथा बिक्री की जाती है। इस मेले में कंपनियां अपने अपने आने
वाले उत्पादों के बारे में जानकारी देती हैं अर्थात प्रचार करती हैं। इस मेले में व्यवसायिक गतिविधियों का भी संचालन
होता है। मेले का आयोजन पिछले 25 सालों से किया जा रहा है।
No.6. गार्डन टूरिज्म फेस्टिवल-गार्डन टूरिज्म फेस्टिवल का आयोजन हर साल फरवरी के महीने में दिल्ली के
तालकटोरा स्टेडियम में किया जाता है इस मेले का आयोजन दिल्ली पर्यटन विभाग द्वारा किया जाता है 3 दिन तक
चलने वाले इस मेले में फूलों की प्रदर्शनी लगाई जाती है इसके अतिरिक्त इस मेले में बच्चों में चित्रकला, प्रतिस्पर्धा
तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
दिल्ली के मेले:-
No.7. दिल्ली पुस्तक मेला-इस पुस्तक मेले का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान में हर साल इंडिया ट्रेड प्रमोशन
ऑर्गेनाइजेशन द्वारा किया जाता है। इस मेले में प्रकाशकों द्वारा पुस्तकों, पत्रिकाओं तथा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की प्रदर्शनी
लगाई जाती है तथा उनकी बिक्री भी की जाती है। इस मेले में प्रकाशक अपनी पुस्तकों की स्टाल लगाते हैं तथा जहां
लोगों को प्रकाशित तथा आगामी पुस्तकों की सूचना दी जाती है।
No.8. कुतुब फेस्टिवल-कुतुब फेस्टिवल का आयोजन हर साल शरद पूर्णिमा की रात को कुतुब मीनार के सामने किया
जाता है। इस अवसर पर दिल्ली पर्यटन विभाग द्वारा तीन दिवसीय शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
संगीत तथा नृत्य के इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश-विदेश के सैलानियों को कुतुबमीनार की ओर आकर्षित करना है।