वाक्य के अनिवार्य तत्व

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वाक्य के अनिवार्य तत्व
वाक्य के अनिवार्य तत्व

वाक्य के अनिवार्य तत्व:-आज SSCGK आपसे के वाक्य के अनिवार्य तत्व के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

इससे पहली पोस्ट में आप वाक्य की परिभाषा व भेद के बारे में विस्तार से पढ चुके हैं।

वाक्य के अनिवार्य तत्व:-

वाक्य की परिभाषा-

“सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे वक्ता का भाव स्पष्ट हो जाए, वाक्य कहलाता है।”

जैसे:-

राम ने रावण को बाण से मार दिया।

भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया |

वाक्य के अनिवार्य तत्व:-

वाक्य के निम्नलिखित 6 अनिवार्य तत्व होते हैं:-

  1. सार्थकता
  2. योग्यता
  3. आकांक्षा
  4. निकटता
  5. क्रम
  6. अन्वय

हिंदी भाषा में वाक्य अनिवार्य तत्व:- 

  1. सार्थकता:-

वाक्य में सार्थकता होनी अनिवार्य है। इसके लिए यह परम आवश्यक है कि वाक्य में सार्थक शब्दों का ही प्रयोग किया जाए, ताकि वक्ता के कथन का भाव स्पष्ट हो जाए, कि वह क्या कहना चाहता हैं।

जैसे-

देव पानी खाता है।

उपरोक्त वाक्य में पानी पीने की चीज है खाने की नहीं। सार्थकता की दृष्टि से यह वाक्य अशुद्ध है। इसलिए सार्थकता की दृष्टि से शुद्ध वाक्य होगा –

देव पानी पीता है।

दीपू रसगुल्ले पीती है।

उपरोक्त वाक्य में रसगुल्ले खाने की चीज है पीने की नहीं। सार्थकता की दृष्टि से यह वाक्य अशुद्ध है।

इसलिए सार्थकता की दृष्टि से शुद्ध वाक्य होगा-

दीपू रसगुल्ले खाती है।

  1. योग्यता:-

वाक्य में वक्ता के भावों का बोध कराने की योग्यता होनी चाहिए। वाक्य में सार्थक शब्दों के साथ-साथ अर्थ देने की योग्यता होनी परम आवश्यक है।

जैसे:-

घोड़ा उड़ता है।

घोड़ा गाड़ी चलाता है |

उपरोक्त वाक्य में घोड़ा और उड़ने में परस्पर योग्यता नहीं है। हम जानते हैं कि घोड़ा उड़ नहीं सकता वह तो चल सकता है या फिर दौड़ सकता है। व्याकरण की दृष्टि से यह वाक्य अशुद्ध है।अन्य उदाहरण में घोड़ा गाड़ी चलाता है -यह वाक्य भी व्याकरण की दृष्टि से यह वाक्य अशुद्ध है।

शुद्ध वाक्य इस प्रकार से होंगे –

घोड़ा दौड़ता है।

घोड़ा गाड़ी खींचता है |

 

वाक्य के अनिवार्य तत्व:-

  1. आकांक्षा:-

वाक्य में आकांक्षा होनी बहुत जरूरी है। आकांक्षा का अर्थ है इच्छा अर्थात एक पद को सुनने के बाद दूसरे पद को जानने की इच्छा ही ‘आकांक्षा’ कहलाती है। भाषा में जहां पर वाक्य में आकांक्षा शेष रह जाती है, तो उसे अपूर्ण वाक्य माना जाता है क्योंकि वह वाक्य अर्थ पूर्ण अभिव्यक्ति प्रकट करने में असमर्थ होता है।

जैसे-

मोनू खाता है।

धीरज पीता है।

उपरोक्त वाक्यांशों से पूरी बात स्पष्ट नहीं हो रही है। पहले वाक्यांश से यह पता नहीं लग रहा कि क्या खाया जा रहा है। इसलिए वाक्य व्याकरण की दृष्टि से यह वाक्य अशुद्ध है।

दूसरे वाक्यांश से यह नहीं पता लग रहा कि क्या पीया जा रहा है- पानी, दूध या जूस । इसलिए व्याकरण की दृष्टि से यह वाक्यांश अशुद्ध है।

व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध वाक्य निम्न प्रकार से होंगे-

मोनू खाना खाता है।

धीरज दूध पीता है।

 

  1. निकटता:-

हमें पता है कि लिखते या बोलते समय वाक्य के शब्दों में निकटता का होना बहुत जरूरी है। रुक रुक कर बोले गए या लिखे गए शब्दों से वाक्य नहीं बनते उनमें निरंतर प्रवाह का होना अति आवश्यक है, तभी वाक्य में सार्थकता आती है।

जैसे:-

लता मंगेशकर ————————————–मधुर

————————- गाना————————गाती

———————- है।

उपरोक्त वाक्य में प्रयुक्त पदों के बीच की दूरी एवं समय अंतराल काफी है। पदों के बीच में दूरी एवं समय अंतराल अधिक होने की वजह से यह वाक्य प्रभावशाली ढंग से वक्ता का भाव स्पष्ट करने में असमर्थ है।

व्याकरण की दृष्टि से सही वाक्य निम्न प्रकार से होगा-

लता मंगेशकर मधुर गाना गाती है।

वाक्य के अनिवार्य तत्व:-

  1. क्रम:-

यहां क्रम का अर्थ है-पद क्रम। वाक्य लिखते या बोलते समय पदों का क्रम व्याकरण की दृष्टि से सही होना चाहिए यदि पदक्रम सही नहीं होगा तो तो वाक्य सार्थक न रहकर निरर्थक हो जाएगा।

जैसे:-

हैं बैठे पक्षी पेड़ पर बहुत से।

उपरोक्त वाक्य में व्याकरणिक पद क्रम का अभाव है। इसी कारण यह वाक्य अशुद्ध है।

शुद्ध वाक्य निम्न प्रकार से होगा-

बहुत से पक्षी पेड़ पर बैठे हैं।

पीती है रसगुल्ले दूध और है खाती संतोष।

उपरोक्त वाक्य में व्याकरणिक पद क्रम का अभाव है।

इसी कारण यह वाक्य अशुद्ध है।

शुद्ध वाक्य निम्न प्रकार से होगा-

संतोष दूध पीती है और रसगुल्ले खाती है।

वाक्य के अनिवार्य तत्व:-

  1. अन्वय:-

व्याकरण की दृष्टि से अन्वय का अर्थ है मेल। व्याकरण की दृष्टि से वाक्य के पदों में लिंग, वचन, काल, कारक आदि की दृष्टि से सामंजस्य होना चाहिए।

जैसे:-

आज हमने लड्डू खाई थी।

आज हमने रोटी खाया था |

उपरोक्त वाक्यों  में वक्ता के कथन का भाव तो पता चल रहा है। लेकिन व्याकरण की दृष्टि से उपरोक्त वाक्य अशुद्ध है, क्योंकि वाक्य में प्रयुक्त पदों मे लिंग, वचन की दृष्टि से सही मेल नहीं है। इसलिए ये दोनों  वाक्य अशुद्ध है।

सही वाक्य इस प्रकार होंगे –

आज हमने लड्डू खाए थे।

आज हमने रोटी खायी थी |

सुबह रोशनी ने चाय पिया था।

उपरोक्त वाक्य ने वक्ता के कथन का भाव तो स्पष्ट हो रहा है। लेकिन व्याकरणिक दृष्टि से वाक्य में प्रयुक्त पदों में लिंग, वचन की दृष्टि से सही मेल नहीं है। इसलिए वाक्य अशुद्ध है|

शुद्ध वाक्य निम्न प्रकार से होगा-

आज सुबह रोशनी ने चाय पी थी।

आज तन्नु ने चाकलेट खाया था | 

उपरोक्त वाक्य ने वक्ता के कथन का भाव तो स्पष्ट हो रहा है। लेकिन व्याकरणिक दृष्टि से वाक्य में प्रयुक्त पदों में लिंग, वचन की दृष्टि से सही मेल नहीं है। इसलिए वाक्य अशुद्ध है|

शुद्ध वाक्य निम्न प्रकार से होगा-

आज तन्नु ने चाकलेट खाई थी |