संख्याओं के प्रकार– इस आर्टिकल में आज SSCGK आपसे संख्याओं के प्रकार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। इससे पहले आर्टिकल में आप विश्व के प्रमुख महाद्वीप के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।
संख्याओं के प्रकार:-
परिभाषा –
“ऐसी गणितीय वस्तुएं जिनका उपयोग गिनने, मापने और नामकरण आदि के लिए किया जाता है , उन्हें संख्या कहते है |”
ये मुख्य रूप से 12 प्रकार की होती हैं |
जैसे–9,-8,-7,-5,-4,-3,-2,-1 ,0 , 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, ……………..।
गणित में संख्याएं मुख्य रूप से 12 प्रकार की होती हैं, जिनका वर्णन निम्नलिखित है-
No.1. प्राकृतिक संख्याएं
No.2. सम संख्याएं
No.3. विषम संख्याएं
No.4. पूर्णांक संख्याएं
No.5. पूर्ण संख्याएं
No.6. भाज्य संख्याएं
No.7. अभाज्य संख्याएं
No.8.सह अभाज्य संख्याएं
No.9. परिमेय संख्याएं
No.10. अपरिमेय संख्याएं
No.11. वास्तविक संख्याएं
No.12. अवास्तविक संख्याएं
Types of numbers:-
No.1. प्राकृतिक संख्याएं- वे सभी संख्याएं जो गिनती में उपयोग की जाती हैं, प्राकृतिक संख्याएं कहलाती हैं।
जैसे- 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, ……………..।
No.2. सम संख्याएं-वे सभी संख्याएं जो 2 से पूरी तरह से विभाजित हो जाती हैं, सम संख्याएं कहलाती हैं।
जैसे- 2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20,………।.
No.3. विषम संख्याएं-वे संख्याएं जो 2 से पूरी तरह से विभाजित नहीं होती हैं,वे विषम संख्याएं कहलाती हैं।
जैसे- 1, 3, 5, 7, 9, 11, 13, 15, 17, 19,…………।
No.4. पूर्णांक संख्याएं-वे संख्याएं जो धनात्मक, ऋणात्मक और जीरो से मिलकर बनी होती हैं,वे पूर्णांक संख्याएं कहलाती हैं।
जैसे- -4, -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, 4……………।
पूर्णांक संख्याएं भी तीन प्रकार की होती हैं-
१). ऋणात्मक संख्याएं-1 से लेकर अनंत तक की सभी ऋणात्मक संख्याएं, ऋणात्मक संख्याएं कहलाती हैं।
जैसे- -9,-8,-7,-5,-4,-3,-2,-1 ।
२). धनात्मक संख्याएं– 1 से लेकर अनंत तक की सभी धनात्मक संख्याएं, धनात्मक संख्याएं कहलाती हैं।
जैसे– 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 आदि।
३). उदासीन पूर्णांक-वे संख्याएं जिन पर धनात्मक और ऋणात्मक चिह्न का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, उदासीन पूर्णांक कहलाते हैं।
जैसे- 0
संख्याओं के प्रकार:-
No.5. पूर्ण संख्याएं-अगर प्राकृतिक संख्याओं में 0 को भी शामिल कर लिया जाए, तो वे पूर्ण संख्याएं बन जाती हैं।
जैसे– 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9,……..।
No.6. भाज्य संख्याएं-वे संख्याएं जो अपने आप से एवं एक से विभाजित होने के अतिरिक्त किसी अन्य संख्या से पूरी तरह से विभाजित हो जाए, भाज्य संख्याएं कहलाती हैं।
जैसे- 4, 6, 8, 9, 10,12,14,15………..।
No.7. अभाज्य संख्याएं-वे संख्याएं जो अपने आप से एवं एक से विभाजित होने के अतिरिक्त किसी अन्य संख्या से पूरी तरह से विभाजित नहीं होती , अभाज्य संख्याएं कहलाती हैं।सबसे छोटी अभाज्य संख्या 2 है|सबसे छोटी सम अभाज्य संख्या 2 है|
जैसे- 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19………….।
No.8.सह अभाज्य संख्याएं-कम से कम दो अभाज्य संख्याओं का ऐसा समूह जिनका महत्तम समापवर्तक (HCF) 1 हो, सह अभाज्य संख्याएं कहलाती हैं।
जैसे- (2, 3), (5, 7), (11,13)………..।
संख्याओं के प्रकार:-
No.9. परिमेय संख्याएं- वे संख्याएं जिन्हें p/q(अंश/हर) के रूप में लिखा जा सकता हैं, परिमेय संख्याएं कहलाती हैं। हर का मान कभी भी जीरो नहीं होना चाहिए।
जैसे– 5, 2/3, 11/4, √25 ………..।
No.10. अपरिमेय संख्याएं- वे संख्याएं जिन्हें p/q के रूप में लिखा जा सकता है, अपरिमेय संख्याएं कहलाती हैं। अपरिमेय संख्याओं को ‘√’ के अंदर लिखा जाता है और उनका कभी भी पूर्ण वर्ग मूल नहीं निकलता है।
जैसे- √3, √11, √17, √105,………..।
No.11. वास्तविक संख्याएं-परिमेय और परिमेय संख्याओं को मिलाकर लिखने से प्राप्त होने वाली संख्याएं, वास्तविक संख्याएं कहलाती हैं।
जैसे- √3, √15, 2/5, 4/11,…………।
No.12. अवास्तविक संख्याएं-वे काल्पनिक सम्मिश्र संख्याएं जिनका वास्तविक भाग 0 हो, अवास्तविक संख्याएं कहलाती हैं।एक काल्पनिक अवास्तविक संख्या का वर्ग शून्य या ऋणात्मक होता है|
जैसे- 3+√-5, 5+√-7, 9+√-13,………….।