हिंदी साहित्य इतिहास के लेखक एवं प्रमुख ग्रंथ:-आज SSCGK आपसे हिंदी साहित्य के इतिहास के लेखक एवं प्रमुख ग्रंथ नामक विषय के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे|
इससे पहली पोस्ट में आप भारत के प्रमुख त्यौहार नामक विषय के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।
हिंदी साहित्य इतिहास के लेखक एवं प्रमुख ग्रंथ:-
हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन में बहुत से विद्वान लेखकों का योगदान रहा है। उनके द्वारा रचित ग्रंथों का वर्णन निम्नलिखित है:-
No. 1. गार्सा द तासी-गार्सा द तासी ने 1839 ई. में ”इस्त्वार द ला लितरेत्यूर ऐंदुई ऐंदुस्तानी” नामक ग्रंथ की रचना की।
इन्होंने यह ग्रंथ फ्रेंच भाषा में लिखा था। यह हिंदी साहित्य इतिहास का लिखा गया पहला ग्रंथ था।
No. 2. शिवसिंह सेंगर-शिव सिंह सरोज ने सन् 1883 ई. में हिंदी साहित्य का इतिहास ‘शिव सिंह सरोज’ नामक ग्रंथ में
लिखा। इन्होंने इस ग्रंथ में लगभग 1000 कवियों के जीवन वृत्त एवं रचनाएं लिखीं।
No. 3.जॉर्ज ग्रियर्सन- जॉर्ज ग्रियर्सन ने 1888 ई. में हिंदी साहित्य का इतिहास इंग्लिश भाषा में ”द मॉडर्न वर्नाकुलर
लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान” के नाम से ग्रंथ लिखा। इन्होंने पूर्व रचनाओं को आधार का स्रोत बनाया एवं कवियों का
कालक्रम अनुसार वर्गीकरण किया। इन्होंने काल विभाजन का भी प्रयास किया।
Hindi Sahitya Itihas ke Lekhak evam Pramukh Granth:-
No. 4. मिश्रबंधु- मिश्र बंधुओं ने हिंदी साहित्य का इतिहास ”मिश्रबंधु विनोद” नामक ग्रंथ में लिखा। इन्होंने इसकी
रचना 1913 ई. में की थी। उन्होंने अपने काव्य ग्रंथ में 5000 कवियों को स्थान दिया और हिंदी साहित्य के इतिहास के
काल विभाजन का पहला प्रयास किया।
No. 5. आचार्य रामचंद्र शुक्ल- हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन में आचार्य रामचंद्र शुक्ल का महत्वपूर्ण योगदान
रहा है।आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने 1929 में हिंदी साहित्य की रचना करते हुए “हिंदी साहित्य का इतिहास” नामक
ग्रंथ लिखा। इन्होंने हिंदी साहित्य के इतिहास के काल विभाजन का सफलतम प्रयास किया। इनके द्वारा रचित ग्रंथों
में इतिहास के दर्शन होते हैं। इनके द्वारा रचित ग्रंथों का आधार भी सुस्पष्ट है। इनके द्वारा रचित ग्रंथों की रचनाएं का
साहित्यिक मूल्यांकन की दृष्टि से प्रामाणिक हैं।
No. 6. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी-आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी ने हिंदी साहित्य के इतिहास की रचना करते
हुए तीन ग्रंथ लिखे- “हिंदी साहित्य की भूमिका”, “हिंदी साहित्य का आदिकाल” व “हिंदी साहित्य: उद्भव और विकास”।
हिंदी साहित्य इतिहास के लेखक एवं प्रमुख ग्रंथ:-
No. 7. डॉ.रामकुमार वर्मा- डॉ.रामकुमार वर्मा ने हिंदी साहित्य का इतिहास लेखन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
1938 ईस्वी में ‘हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास’ नामक ग्रंथ लिखा।
No. 8. डॉ. नगेंद्र- हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन में डॉ नगेंद्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।डॉ. नगेंद्र ने ‘रीति
काव्य की भूमिका’ नाम से हिंदी साहित्य का इतिहास लिखा।
No. 9. डॉ.धीरेंद्र वर्मा-डॉ. धीरेंद्र वर्मा ने “हिंदी साहित्य का इतिहास” नामक ग्रंथ लिखा।
No. 10. डॉ. भागीरथ मिश्र– डॉ. भागीरथ मिश्र का हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन में महत्वपूर्ण योगदान है।
उन्होंने ‘हिंदी साहित्य’ नामक ग्रंथ लिखा।
No. 11. डॉ. मोती लाल मेनारिया– डॉ. मोती लाल मेनारिया ने हिंदी साहित्य का इतिहास लिखते हुए दो ग्रंथ लिखे-
“राजस्थानी भाषा और साहित्य” एवं “राजस्थानी पिंगल साहित्य”।
No. 12. डॉ. गणपति चंद्र शुक्ल-गणपति चंद्र शुक्ला 1965 ईस्वी में ‘हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास” नामक ग्रंथ लिखा।
हिंदी साहित्य इतिहास के लेखक एवं प्रमुख ग्रंथ:
No. 13. पं.राम नरेश त्रिपाठी-पंडित राम नरेश त्रिपाठी ने हिंदी साहित्य पर आधारित ‘कविता कौमुदी(दो भाग)‘नामक ग्रंथ लिखा।
No. 14. डॉ. बच्चन सिंह-डॉ. बच्चन सिंह ने हिंदी साहित्य पर आधारित “आधुनिक हिंदी साहित्य का इतिहास” नामक ग्रंथ लिखा।
No. 15. डॉ. टीकम सिंह तोमर-डॉ.टीकम सिंह तोमर ने ”हिंदी वीर काव्य” नामक ग्रंथ लिखा।
No. 16. डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी– डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी ने “हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास” नामक ग्रंथ लिखा।
No. 17. आचार्य चतुरसेन-हिंदी साहित्य का इतिहास लिखते हुए आचार्य चतुरसेन ने “हिंदी साहित्य का इतिहास” नामक ग्रंथ लिखा।
No. 18. सूर्यकांत शास्त्री-सूर्यकांत शास्त्री ने हिंदी साहित्य का इतिहास ”हिंदी साहित्य का विवेचनात्मक इतिहास” नाम से लिखा।
No. 19. डॉ. नलिन विलोचन शर्मा-डॉ. नलिन विलोचन शर्मा ने “हिंदी साहित्य का इतिहास दर्शन” नामक ग्रंथ लिखा।
No. 20. बाबू श्यामसुंदर दास– बाबू श्यामसुंदर दास ने हिंदी साहित्य का इतिहास ”हिंदी भाषा और साहित्य” नाम से लिखा।
हिंदी साहित्य इतिहास के लेखक एवं प्रमुख ग्रंथ:-
No. 21. कृपाशंकर शुक्ल-कृपाशंकर शुक्ला हिंदी साहित्य का इतिहास लिखते हुए “आधुनिक हिंदी साहित्य का इतिहास” नामक ग्रंथ लिखा।
No. 22. पं.महेश दत्त शुक्ल-पंडित महेश शुक्ला ने ‘हिंदी काव्य संग्रह’ नामक हिंदी साहित्य पर आधारित ग्रंथ लिखा।
No. 23. प्रभु दयाल मित्तल-प्रभु दयाल मित्तल ने हिंदी साहित्य का इतिहास लिखते हुए “चैतन्य संप्रदाय और उसका साहित्य” नामक ग्रंथ लिखा।
No. 24. परशुराम चतुर्वेदी-परशुराम चतुर्वेदी ने “उत्तर भारत की संत परंपरा” नाम से हिंदी साहित्य का इतिहास लिखा।
No. 25. नागरी प्रचारिणी सभा, काशी- काशी, नागरी प्रचारिणी सभा ने “हिंदी साहित्य का वहत् इतिहास (18 खण्डों में)”
लिखा। डॉ. नगेंद्र ने इसके छठे भाग में रीतिकाल का संपादन किया है।