अव्यया: -आज SSCGK आपसे अव्यय की परिभाषा व उदाहरण के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे |
इससे पहले पोस्ट में आप अलंकार की परिभाषा व प्रकार के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।
अव्यय की परिभाषा व उदाहरण:-
“सदृशंत्रिषु लिङ्गेषु सर्वासु च विभक्तिषु।
वचनेषु च सर्वेषु यन्न व्येति तदव्ययम्।।”
अर्थात जो शब्द तीनो लिंगो, तीनों वचनों और सभी विभक्तियों मैं सदा एक से रहते हैं अर्थात जिनका रूप नहीं बदलता, वे अव्यय शब्द कहलाते हैं।
अव्यय के प्रकार:-
- यौगिक अव्यय
- रूढ़ अव्यय
- यौगिक अव्यय-यौगिक अव्यय तीन प्रकार के होते हैं-
(१).कृत् प्रत्यान्त-धातुओं के साथ जुड़ने वाले क्त्वा,ल्यप और तुमुन् प्रत्यय से निर्मित सभी शब्द अव्यय होते हैं।
जैसे- पीत्वा, गत्वा, उपगम्य,पक्तुम्, गन्तुम, आदि।
(२). तद्धित प्रत्ययान्त-
धातुओं के को छोड़कर के शेष प्रातिपदिकों के साथ जुड़ने वाले सप्तमी विभक्ति के अर्थ वाले ‘त्रल्'(त्र) तथा पंचमी भक्ति के अर्थ वाले ‘तसिल'(त:) शब्द अव्यय होते हैं।
जैसे-अत्र, यत्र, तत्र, कुत्र, सर्वत्र, यथा, तथा, कुत:, सर्वत: आदि।
(३). अव्ययीभाव समास होने के बाद निर्मित समस्त पद भी अव्यय होता है।
जैसे-अनुरूपम्, यथायोग्यम्, प्रत्येकम्, निर्मक्षिकम् आदि।
संस्कृत में अव्यय के प्रकार :-
2.रूढ़ अव्यय- रूढ़ अव्ययों में प्र, उच्चै:, नीचै:,शनै:,परा, अप् ,सम, अनु, च, वा, अहो आदि अव्ययों की गणना होती है।
जैसे:-
1.परित: -(चारों ओर)-ग्रामम् परित: वृक्षा: सन्ति।
2.सर्वत: -(सब ओर) नगरम् सर्वत: क्षेत्राणि सन्ति।
3.विना -(रहित)-सीताक्षरामं वनम् न गच्छति।
4.सार्धम् -(साथ)-कविता सुनीलम् सार्धम् ग्रामं गच्छति।
5.अभित: -(दोनों ओर)-ग्रामं अभित: नदी वहति।
6.दिवा -(दिन में)-उलूक: दीवा न पश्यति।
7.शनै: -(धीरे से)-अर्चना शनै: वदति।
8.उच्चै: -(जोर से)-जिया उच्चै: पाठं पठति।
9.नीचै: -(नीचे की ओर)-जलम् नीचै: प्रवहति।
10.अलम् -(बस)-अलम् विवादेन।
11.अहर्निशम् -(दिन रात)-नीलम: अहर्निशम् परिश्रमं करोति।
12.ह्य: -(बीता हुआ कल)-ह्य शनिवासर: आसीत्।
13.अद्य -(आज)-अद्य रविवासर: अस्ति।
14.श्व: -(आने वाला कल)-श्व: सोमवासर: भविष्यति।
15.नूनम् -(निश्चय ही)- मुनेश: नूनम् उत्तीर्णा भविष्यति।
16.तदा -(तब)-तदा नगरे एक: सिंह: आगच्छत्।
7.यदा -(जब)-यदा त्वम् गमिष्यसि,तदा अहमपि गमिष्यामि।
18.कदा -(कब)-तव मातुल:कदा गमिष्यति।
19.सर्वदा -(हमेंशा)-रोशनी सर्वदा सत्यं वदति।
20.खलु -(निश्चय ही)-अयं खलु भगवान राम:।
अव्यय की परिभाषा व उदाहरण:-
21.नम: -(नमस्कार)-नम: शिवाय।
22.दिवा -(दिन में)-उलूक: दिवा न पश्यति।
23.अति -(अत्यधिक)-जलम् अति शीतलं वर्तते।
24.अपि -(भी)-अहम् अपि विद्यालयं गमिष्यामि।
25.धिक् -(धिक्कार)-धिक् दुष्टम्।
26.अपि-(भी)-त्वं अपि गृहम् गच्छ।
27.सम्प्रति -(अब)-सम्प्रति हरजीत: कन्दुकेन सह क्रीडिष्यति।
28.अत्र -(यहां)-अत्र उपविश।
29.तत्र -(वहां)- स तत्र क्रीडति।
30.कुत्र -(कहां)- त्वम् कुत्र गच्छसि?
31.तूष्णीम् -(चुप)-तूष्णीम् भव।
32.उपरि -(ऊपर)-वृक्षस्य उपरि एक: श्येन: उड्डयति।
33.अहो-(विस्मय सूचक)-अहो अस्य प्रभाव:।
34.पुरा -(पहले)-पुरा भारते एक: नृप: आसीत्।
35.अध:-(नीचे)-वृक्षस्य अध: एक: बालक: तिष्ठति।
36.बहि: (बाहर)- बहि: अति शीतलं वायु प्रवहति।
37.मा-(मत)-असत्यं मा वद।
38.कुत: (कहां से)-अधुना त्वं कुत: आयात:असि?
39.शीघ्रम् (जल्दी)- त्वं शीघ्रम् विद्यालयं गच्छ।
40.भूय:(फिर से)-भवान भूय: आगच्छत्।