परस्मैपदी धातु रुपाणि

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परस्मैपदी धातु रुपाणि
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परस्मैपदी धातु रुपाणि:-आज SSCGK आपसे परस्मैपदी धातु रुपाणि के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

इससे पहली पोस्ट में आप छंद की परिभाषा व प्रकार के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।

परस्मैपदी धातु रुपाणि:-

संस्कृत भाषा में धातुओं के प्रकार-संस्कृत भाषा में धातुएं तीन प्रकार की होती हैं-

No.1.परस्मैपदी धातुएं

No.2.आत्मनेपदी धातुएं

No.3.उभयपदी धातुएं

No.1.परस्मैपदी धातुएं -जिन क्रियाओं का फल कर्म पर पड़ता है उन्हें परस्मैपदी धातुएं कहते हैं। जो वाक्य कर्तृवाच्य हो वहां परस्मैपदी धातु का प्रयोग होता है।

No.2.आत्मनेपदी धातुएं -जिन क्रियाओं का फल कर्ता पर पड़ता है, उन्हें आत्मनेपदी धातुएं कहते हैं।

आत्मनेपदी धातुओं का प्रयोग कर्म वाच्य और कर्मवाच्य एवं भाववाच्य में होता है।

No.3.उभयपदी धातुएं-संस्कृत में जिन क्रियाओं के रूप परस्मैपद एवं आत्मनेपद दोनों रूपों में चलते हैं उन्हें उभयपदी धातुएं कहते हैं।

संस्कृत भाषा में धातुओं के प्रकार-संस्कृत भाषा में धातुएं तीन प्रकार की होती हैं-

No.1.परस्मैपदी धातुएं

No.2.आत्मनेपदी धातुएं

No.3.उभयपदी धातुएं

No.1.परस्मैपदी धातुएं -जिन क्रियाओं का फल कर्म पर पड़ता है उन्हें परस्मैपदी धातुएं कहते हैं। जो वाक्य कर्तृवाच्य हो वहां परस्मैपदी धातु का प्रयोग होता है।

No.2.आत्मनेपदी धातुएं -जिन क्रियाओं का फल कर्ता पर पड़ता है, उन्हें आत्मनेपदी धातुएं कहते हैं।

आत्मनेपदी धातुओं का प्रयोग कर्म वाच्य और कर्मवाच्य एवं भाववाच्य में होता है।

No.3.उभयपदी धातुएं-संस्कृत में जिन क्रियाओं के रूप परस्मैपद एवं आत्मनेपद दोनों रूपों में चलते हैं उन्हें उभयपदी धातुएं कहते हैं।

परस्मैपदी धातु रुपाणि-

परस्मैपदी धातु लकारों की संरचना-संस्कृत व्याकरण में प्रयोग होने वाले क्रिया के काल को लकार कहते हैं। लकारों से हमें विभिन्न कालों एवं स्थितियों की जानकारी मिलती है। संस्कृत भाषा में धातुओं के 10 लकार होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:-

No.1. लट् लकार

No.2. लङ् लकार

No.3. लोट् लकार

No.4. विधिलिङ् लकार

No.5. लृट् लकार

No.6. लुङ् लकार

No.7. लिट् लकार

No.8. लुट् लकार

No.9. आशीर्लिङ् लकार

No.10. लृङ् लकार

No.1. लट् लकार(वर्तमान काल)-इस लकार का प्रयोग वर्तमान काल के अर्थ को प्रदर्शित करने के लिए होता है।

No.2. लङ् लकार(भूतकाल)-इस लकार का प्रयोग सामान्य भूतकाल के कार्य को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।

No.3. लोट् लकार(आज्ञार्थ)-इस लकार का प्रयोग आज्ञा का आदेश संबंधित कथन को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।

No.4. विधिलिङ् लकार(विध्यर्थ)-इस लकार का प्रयोग कब किया जाता है, जब किसी को कोई सलाह देनी होती है।

No.5. लृट् लकार(भविष्यत काल)-इस लकार का प्रयोग भविष्यत काल के क्रियाओं के लिए किया जाता है।

No.6. लुङ् लकार(सामान्य भूतकाल)-इस लकार का प्रयोग ऐसी भूतकालिक क्रिया के लिए किया जाता है जो पहले घटित हो चुकी हो।

No.7. लिट् लकार(परोक्ष भूतकाल)-इस लकार का प्रयोग तब किया जाता है, जब ऐसी भूतकालिक क्रिया जो अपने साथ घटित न होकर किसी इतिहास का विषय हो।

No.8. लुट् लकार( अनद्यतन भविष्यतकाल)-इस लकार का प्रयोग तब किया जाता है, जब कोई क्रिया आज का दिन छोड़कर आगे हो होने वाली हो।

No.9. आशीर्लिङ् लकार(आशीर्वाद हेतु)-इस लकार का प्रयोग आशीर्वाद देने के लिए किया जाता है।

No.10. लृङ् लकार(हेतुहेतुमद् भविष्यत काल)-यदि ऐसा होगा तो ऐसाा होगा, इस प्रकार का अर्थ देने वालेे वाक्यों लृङ् लकार का प्रयोग होता है।

 

परस्मैपदी धातु रुपाणि:-

1.भू धातु (होना)

लट् लकार (वर्तमान काल)

पुरुष        एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष   भवति    भवत:     भवन्ति

मध्यम पुरुष  भवसि    भवथ:     भवथ

उत्तम पुरुष   भवामि    भवाव:     भवाम:

 

लङ् लकार( भूतकाल )

पुरुष        एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष   अभवत्  अभवताम्   अभवत्

मध्यम पुरुष  अभव:   अभवतम्   अभवत

उत्तम पुरुष   अभवम्   अभवाव   अभवाम

 

लोट् लकार (आज्ञार्थ)

पुरुष              एकवचन     द्विवचन      बहुवचन

प्रथम पुरुष        भवतु         भवताम्        भवन्तु

मध्यम पुरुष      भव            भवतम्         भवत

उत्तम पुरुष      भवानि         भवाव          भवाम

 

विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ)

पुरुष              एकवचन       द्विवचन        बहुवचन

प्रथम पुरुष     भवेत्              भवेताम्          भवेयु:

मध्यम पुरुष    भवे:              भवेतम्           भवेत

उत्तम पुरुष     भवेयम्           भवेव              भवेम

 

लृट् लकार ( भविष्यत् काल )

पुरुष        एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष   भविष्यति  भविष्यत:  भविष्यन्ति

मध्यम पुरुष  भविष्यसि  भविष्यथ:  भविष्यथ

उत्तम पुरुष   भविष्यामि  भविष्याव:  भविष्याम:

 

संस्कृत में धातु रूप:-

2.अस् धातु (होना)

लट् लकार (वर्तमान काल)

पुरुष         एकवचन    द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष     अस्ति      स्त:     सन्ति

मध्यम पुरुष    असि       स्थ:     स्थ

उत्तम पुरुष     अस्मि      स्व:      स्म:

 

लङ् लकार ( भूतकाल )

पुरुष       एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष   आसीत्   आस्ताम्  आसन्

मध्यम पुरुष  आसी:   आस्तम्   आस्त

उत्तम पुरुष   आसम्    आस्व    आस्म

 

लोट् लकार (आज्ञार्थ)

पुरुष        एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष   अस्तु      स्ताम्     सन्तु

मध्यम पुरुष   एधि      स्तम्      स्त

उत्तम पुरुष   असानि     असाव    असाम

 

विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ)

पुरुष        एकवचन द्विवचन बहुवचन

प्रथम पुरुष   स्यात्    स्याताम    स्यु:

मध्यम पुरुष  स्या:     स्यातम्    स्यात

उत्तम पुरुष   स्याम्   स्याव    स्याम

 

लृट् लकार ( भविष्यत् काल )

पुरुष       एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष   भविष्यति  भविष्यत:  भविष्यन्ति

मध्यम पुरुष  भविष्यसि  भविष्यथ:  भविष्यथ

उत्तम पुरुष   भविष्यामि  भविष्याव:  भविष्याम:

 

परस्मैपदी धातु रुपाणि:-

3.लिख् धातु (लिखना)

लट् लकार (वर्तमान काल)

पुरुष        एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष   लिखति   लिखत:   लिखन्ति

मध्यम पुरुष  लिखसि   लिखथ:   लिखथ

उत्तम पुरुष   लिखामि   लिखाव:  लिखाम:

 

लङ् लकार ( भूतकाल )

पुरुष        एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष   अलिखत्  अलिखताम्  अलिखन्

मध्यम पुरुष  अलिख:  अलिखतम्  अलिखत

उत्तम पुरुष   अलिखम  अलिखाव  अलिखाम

 

लोट् लकार (आज्ञार्थ)

पुरुष       एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष  लिखतु   लिखताम्   लिखन्तु

मध्यम पुरुष लिख    लिखतम्   लिखत

उत्तम पुरुष  लिखानि   लिखाव   लिखाम

 

विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ)

पुरुष        एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष   लिखेत्   लिखेताम्   लिखेयु:

मध्यम पुरुष  लिखे:   लिखेतम्    लिखेत

उत्तम पुरुष   लिखेयम्   लिखेव    लिखेम

 

लृट् लकार ( भविष्यत् काल )

पुरुष        एकवचन    द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष   लेखिष्यति  लेखिष्यत:   लेखिष्यन्ति

मध्यम पुरुष  लेखिष्यसि  लेखिष्यथ:  लेखिष्यथ

उत्तम पुरुष   लेखिष्यामि  लेखिष्याव:  लेखिष्याम:

 

परस्मैपदी धातु रुपाणि:-

4.कृ धातु (करना)

लट् लकार (वर्तमान काल)

पुरुष        एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष   करोति    कुरुत:    कुर्वन्ति

मध्यम पुरुष  करोषि    कुरुथ:    कुरुथ

उत्तम पुरुष   करोमि    कुर्व:      कुर्म:

 

लङ् लकार ( भूतकाल )

पुरुष         एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष    अकरोत्   अकुरुताम्   अकुर्वन्

मध्यम पुरुष   अकरो:   अकुरुतम्   अकुरुत

उत्तम पुरुष    अकरवम्    अकुर्व    अकुर्म

 

लोट् लकार (आज्ञार्थ)

पुरुष        एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष    करोतु    कुरुताम्   कुर्वन्तु

मध्यम पुरुष   कुरु     कुरुतम्    कुरुत

उत्तम पुरुष    करवाणि   करवाव   करवाम

 

विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ)

पुरुष       एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष  कुर्यात्     कुर्याताम्    कुर्यु:

मध्यम पुरुष कुर्या:     कुर्यातम्     कुर्यात

उत्तम पुरुष   कुर्याम्    कुर्याव      कुर्याम

 

लृट् लकार ( भविष्यत् काल )

पुरुष        एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष   करिष्यति  करिष्यत:  करिष्यन्ति

मध्यम पुरुष  करिष्यसि  करिष्यथ:  करिष्यथ

उत्तम पुरुष   करिष्यामि  करिष्याव:  करिष्याम:

 

परस्मैपदी धातु रुपाणि:-

5.गम् धातु (जाना)

लट् लकार (वर्तमान काल)

पुरुष         एकवचन   द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष    गच्छति   गच्छत:   गच्छन्ति

मध्यम पुरुष   गच्छसि   गच्छथ:   गच्छथ

उत्तम पुरुष    गच्छामि   गच्छाव:   गच्छाम:

 

लङ् लकार( भूतकाल )

पुरुष        एकवचन    द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष   अगच्छत्   अगच्छताम्   अगच्छन्

मध्यम पुरुष  अगच्छ:   अगच्छतम्    अगच्छत

उत्तम पुरुष   अगच्छम्   अगच्छाव    अगच्छाम

 

लोट् लकार (आज्ञार्थ)

पुरुष         एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष    गच्छतु    गच्छताम्   गच्छत

मध्यम पुरुष   गच्छ     गच्छतम्   गच्छत

उत्तम पुरुष    गच्छानि   गच्छाव    गच्छाम

 

विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ)

पुरुष        एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष   गच्छेत्   गच्छेताम्  गच्छेयु:

मध्यम पुरुष  गच्छे:   गच्छेतम्   गच्छेत

उत्तम पुरुष   गच्छेयम्   गच्छेव   गच्छेम

 

लृट् लकार ( भविष्यत् काल )

पुरुष        एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष   गमिष्यति  गमिष्यत:   गमिष्यन्ति

मध्यम पुरुष  गमिष्यसि  गमिष्यथ:  गमिष्यथ

उत्तम पुरुष   गमिष्यामि  गमिष्याव:  गमिष्याम:

परस्मैपदी धातु रुपाणि:-

6.पा धातु (पीना)

लट् लकार (वर्तमान काल)

पुरुष        एकवचन द्विवचन बहुवचन

प्रथम पुरुष   पिबति   पिबत:   पिबन्ति

मध्यम पुरुष  पिबसि   पिबथ:   पिबथ

उत्तम पुरुष   पिबामि   पिबाव:   पिबाम:

 

लङ् लकार ( भूतकाल )

पुरुष        एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष   अपिबत्   अपिबताम्  अपिबन्

मध्यम पुरुष  अपिब:   अपिबतम्   अपिबत

उत्तम पुरुष   अपिबम्   अपिबाव   अपिबाम

 

लोट् लकार (आज्ञार्थ)

पुरुष       एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष   पिबतु   पिबताम्   पिबन्तु

मध्यम पुरुष  पिब    पिबतम्    पिबत

उत्तम पुरुष   पिबानि   पिबाव    पिबाम

 

विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ)

पुरुष       एकवचन   द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष   पिबेत्   पिबेताम्   पिबेयु:

मध्यम पुरुष  पिबे:   पिबेतम्    पिबेत

उत्तम पुरुष   पिबेयम्  पिबेव     पिबेम

 

लृट् लकार ( भविष्यत् काल )

पुरुष         एकवचन   द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष    पास्यति   पास्यत:   पास्यन्ति

मध्यम पुरुष   पास्यसि   पास्यथ:  पास्यथ

उत्तम पुरुष    पास्यामि   पास्याव:  पास्याम:

परस्मैपदी धातु रुपाणि:-

7.खाद् धातु (खाना)

लट् लकार (वर्तमान काल)

पुरुष       एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष   खादति   खादत:  खादन्ति

मध्यम पुरुष  खादसि   खादथ:  खादथ

उत्तम पुरुष   खादामि   खादाव:  खादाम:

 

लङ् लकार ( भूतकाल )

पुरुष       एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष   अखादत्  अखादताम्  अखादन्

मध्यम पुरुष  अखाद:  अखादतम्   अखादत

उत्तम पुरुष   अखादम्  अखादाव   अखादाम

 

लोट् लकार (आज्ञार्थ)

पुरुष        एकवचन द्विवचन बहुवचन

प्रथम पुरुष   खादतु   खादताम्   खादन्तु

मध्यम पुरुष  खाद    खादतम्   खादत

उत्तम पुरुष   खादानि   खादाव   खादाम

 

विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ)

पुरुष       एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष  खादेत्   खादेताम्   खादेयु:

मध्यम पुरुष खादे:    खादेतम्   खादेत

उत्तम पुरुष  खादेयम्   खादेव    खादेम

 

लृट् लकार ( भविष्यत् काल )

पुरुष         एकवचन     द्विवचन      बहुवचन

प्रथम पुरुष    खादिष्यति   खादिष्यत:   खादिष्यन्ति

मध्यम पुरुष   खादिष्यसि   खादिष्यथ:   खादिष्यथ

उत्तम पुरुष    खादिष्यामि   खादिष्याव:   खादिष्याम:

परस्मैपदी धातु रुपाणि:-

8.पठ धातु (पढ़ना)

 लट् लकार (वर्तमान काल)

पुरुष        एकवचन   द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष   पठति      पठत:      पठन्ति

मध्यम पुरुष  पठसि     पठथ:       पठथ

उत्तम पुरुष   पठामि     पठाव:      पठाम:

 

लोट् लकार (आज्ञार्थ)

पुरुष          एकवचन  द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष    पठतु      पठताम्     पठन्तु

मध्यम पुरुष   पठ       पठतम्      पठत

उत्तम पुरुष    पठानि    पठाव       पठाम

 

 लङ् लकार (भूतकाल)

पुरुष         एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष   अपठत्    अपठताम्    अपठन्

मध्यम पुरुष  अपठ:    अपठतम्     अपठत

उत्तम पुरुष   अपठम्    अपठाव     अपठाम

 

विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ)

पुरुष         एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष   पठेत्       पठेताम्     पठेयु:

मध्यम पुरुष  पठे:       पठेतम्      पठेत

उत्तम पुरुष   पठेयम्      पठेव       पठेम

 

लृट् लकार (भविष्यत काल)

पुरुष        एकवचन    द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष   पठिष्यति  पठिष्यत:   पठिष्यन्ति

मध्यम पुरुष  पठिष्यसि  पठिष्यथ:  पठिष्यथ

उत्तम पुरुष   पठिष्यामि  पठिष्याव: पठिष्याम:

परस्मैपदी धातु रुपाणि:-

9. दृश(पश्य) धातु (देखना)

लट् लकार (वर्तमान काल)

पुरुष             एकवचन    द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष     पश्यति      पश्यत:      पश्यन्ति

मध्यम पुरुष    पश्यसि      पश्यथ:     पश्यथ

उत्तम पुरुष     पश्यामि     पश्याव:     पश्याम:

 

लोट् लकार (आज्ञार्थ)

पुरुष             एकवचन    द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष     पश्यतु       पश्यताम्     पश्यन्तु

मध्यम पुरुष    पश्य         पश्यतम्      पश्यत

उत्तम पुरुष     पश्यानि     पश्याव       पश्याम

 

लङ् लकार (भूतकाल)

पुरुष             एकवचन     द्विवचन      बहुवचन

प्रथम पुरुष     अपश्यत्    अपश्यताम्   अपश्यन्

मध्यम पुरुष    अपश्य:     अपश्यतम्    अपश्यत

उत्तम पुरुष     अपश्यम्    अपश्याव     अपश्याम

 

विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ)

पुरुष              एकवचन      द्विवचन      बहुवचन

प्रथम पुरुष       पश्येत्        पश्येताम्      पश्येयु:

मध्यम पुरुष      पश्ये:         पश्येतम्       पश्येत

उत्तम पुरुष       पश्येयम्      पश्येव         पश्येम

 

लृट् लकार (भविष्यत काल)

पुरुष              एकवचन      द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष      द्रक्ष्यति         द्रक्ष्यत:       द्रक्ष्यन्ति

मध्यम पुरुष     द्रक्ष्यसि        द्रक्ष्यथ        द्रक्ष्यथ

उत्तम पुरुष      द्रक्ष्यामि       द्रक्ष्याव:       द्रक्ष्याम:

परस्मैपदी धातु रुपाणि:-

10.वद धातु (बोलना)

लट् लकार (वर्तमान काल)

पुरुष         एकवचन      द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष    वदति          वदत:        वदन्ति

मध्यम पुरुष   वदसि          वदथ:       वदथ

उत्तम पुरुष    वदामि         वदाव:       वदाम:

 

लोट् लकार (आज्ञार्थ)

पुरुष         एकवचन     द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष    वदतु        वदताम्        वदन्तु

मध्यम पुरुष   वद         वदतम्         वदत

उत्तम पुरुष    वदानि        वदाव          वदाम

 

लङ् लकार (भूतकाल)

पुरुष        एकवचन     द्विवचन      बहुवचन

प्रथम पुरुष    अवदत्     अवदताम्      अवदन्

मध्यम पुरुष   अवद:      अवदतम्       अवदत

उत्तम पुरुष    अवदम्     अवदाव        अवदाम

 

विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ)

पुरुष         एकवचन    द्विवचन       बहुवचन

प्रथम पुरुष    वदेत्        वदेताम्         वदेयु:

मध्यम पुरुष   वदे:        वदेतम्          वदेत

उत्तम पुरुष    वदेयम्        वदेव            वदेम

 

लृट् लकार (भविष्यत काल)

पुरुष           एकवचन     द्विवचन      बहुवचन

प्रथम पुरुष     वदिष्यति    वदिष्यत:     वदिष्यन्ति

मध्यम पुरुष    वदिष्यसि   वदिष्यथ:     वदिष्यथ

उत्तम पुरुष     वदिष्यामि    वदिष्याव:    वदिष्याम:

 

परस्मैपदी धातु रुपाणि :-

11.वस धातु (रहना)

लट् लकार (वर्तमान काल)

पुरुष         एकवचन     द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष    वसति        वसत:       वसन्ति

मध्यम पुरुष   वससि       वसथ:       वसथ

उत्तम पुरुष    वसामि        वसाव:      वसाम:

 

लोट् लकार (आज्ञार्थ)

पुरुष         एकवचन     द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष     वसतु       वसताम्     वसन्तु

मध्यम पुरुष    वस        वसतम्      वसत

उत्तम पुरुष     वसानि      वसाव       वसाम

 

लङ् लकार (भूतकाल)

पुरुष             एकवचन     द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष    अवसत्     अवसताम्     अवसन्

मध्यम पुरुष   अवस:      अवसतम्      अवसत

उत्तम पुरुष    अवसम     अवसाव       अवसाम

 

विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ)

पुरुष          एकवचन     द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष      वसेत्       वसेताम्       वसेयु:

मध्यम पुरुष     वसे:        वसेतम्       वसेत

उत्तम पुरुष      वसेयम्         वसेव        वसेम

 

लृट् लकार (भविष्यत काल)

पुरुष        एकवचन      द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष   वत्स्यति      वत्स्यत:     वत्स्यन्ति

मध्यम पुरुष  वत्स्यसि      वत्स्यथ:     वत्स्यथ

उत्तम पुरुष   वत्स्यामि       वत्स्याव:     वत्स्याम:

परस्मैपदी धातु रुपाणि:-

12.पच(पकाना) धातु

लट् लकार -वर्तमान काल

पुरुष           एकवचन    द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष   पचति        पचत:      पचन्ति

मध्यम पुरुष पचसि        पचथ:       पचथ

उत्तम पुरुष  पचामि       पचाव:      पचाम:

 

लोट्लकार -आज्ञार्थ

पुरुष          एकवचन    द्विवचन      बहुवचन

प्रथम पुरुष पचतु        पचताम्      पचन्तु

मध्यम पुरुष पच         पचतम्        पचत

उत्तम पुरुष पचानि      पचाव        पचाम

 

लङ् लकार -भूतकाल

पुरुष           एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष अपचत्    अपचताम्   अपचन्

मध्यम पुरुष अपच:   अपचतम्    अपचत

उत्तम पुरुष अपचम्    अपचाव     अपचाम

 

विधिलिङ् लकार -विध्यर्थ(चाहिए)

पुरुष          एकवचन    द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष पचेत्         पचेताम्       पचेयु:

मध्यम पुरुष पचे:         पचेतम्        पचेत

उत्तम पुरुष पचेयम्        पचेव         पचेम

 

लृट् लकार -भविष्यत काल

पुरुष           एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष  पक्ष्यति      पक्ष्यत:   पक्ष्यन्ति

मध्यम पुरुष पक्ष्यसि    पक्ष्यथ:    पक्ष्यथ

उत्तम पुरुष पक्ष्यामि    पक्ष्याव:   पक्ष्याम:

परस्मैपदी धातु रुपाणि:-

13.स्मृ (स्मरण करना) धातु

लट लकार -वर्तमान काल

पुरुष         एकवचन    द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष   स्मरति     स्मरत:   स्मरन्ति

मध्यम पुरुष स्मरसि     स्मरथ:    स्मरथ

उत्तम पुरुष  स्मरामि     स्मराव:   स्मराम:

 

लोट लकार -आज्ञार्थ

पुरुष          एकवचन द्विवचन बहुवचन

प्रथम पुरुष स्मरतु  स्मरताम्   स्मरन्तु

मध्यम पुरुष स्मर    स्मरतम्    स्मरत

उत्तम पुरुष स्मरानि    स्मराव    स्मराम

 

लङ लकार -भूतकाल

पुरुष         एकवचन    द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष अस्मरत्   अस्मरताम्   अस्मरन्

मध्यम पुरुष अस्मर:   अस्मरतम्   अस्मरत

उत्तम पुरुष अस्मरम्   अस्मराव    अस्मराम

 

विधिलिङ लकार -विध्यर्थ (चाहिए)      

पुरुष         एकवचन    द्विवचन      बहुवचन

प्रथम पुरुष स्मरेत्        स्मरेताम्     स्मरेयु:

मध्यम पुरुष स्मरे:        स्मरेतम्      स्मरेत

उत्तम पुरुष स्मरेयम्      स्मरेव        स्मरेम

 

लृट लकार -भविष्यत काल

पुरुष            एकवचन      द्विवचन       बहुवचन

प्रथम पुरुष   स्मरिष्यति    स्मरिष्यत:   स्मरिष्यन्ति

मध्यम पुरुष  स्मरिष्यसि   स्मरिष्यथ:    स्मरिष्यथ

उत्तम पुरुष   स्मरिष्यामि   स्मरिष्याव:  स्मरिष्याम:

परस्मैपदी धातु रुपाणि:- 

14.हन् (मारना) धातु

लट् लकार -वर्तमान काल

पुरुष            एकवचन    द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष    हन्ति         हत:         घ्नन्ति

मध्यम पुरुष   हन्सि        हथ:          हथ

उत्तम पुरुष    हन्मि         हन्व:        हन्म:

 

लोट्लकार -आज्ञार्थ

पुरुष          एकवचन    द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष  हन्तु         हताम्          घ्नन्तु

मध्यम पुरुष जहि        हतम्           हत

उत्तम पुरुष हनानि      हनाव         हनाम

 

लङ् लकार -भूतकाल

पुरुष          एकवचन   द्विवचन       बहुवचन

प्रथम पुरुष अहन्        अहताम्      अघ्नन्

मध्यम पुरुष अहन्      अहतम्          अहत

उत्तम पुरुष अहनम्     अहन्व         अहन्म

 

विधिलिङ् लकार -विध्यर्थ(चाहिए)

पुरुष          एकवचन     द्विवचन       बहुवचन

प्रथम पुरुष हन्यात्         हन्यताम्      हन्यु:

मध्यम पुरुष हन्या:         हन्यातम्      हन्यात

उत्तम पुरुष हन्याम्         हन्याव        हन्याम

 

लृट् लकार -भविष्यत काल

पुरुष           एकवचन   द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष हनिष्यति   हनिष्यत:    हनिष्यन्ति

मध्यम पुरुष हनिष्यसि   हनिष्यथ:  हनिष्यथ

उत्तम पुरुष हनिष्यामि  हनिष्याव:  हनिष्याम:

परस्मैपदी धातु रुपाणि:- 

15.पत( गिरना) धातु

लट् लकार -वर्तमान काल

पुरुष         एकवचन द्विवचन बहुवचन

प्रथम पुरुष पतति     पतत:     पतन्ति

मध्यम पुरुष पतसि   पतथ:     पतथ

उत्तम पुरुष  पतामि   पताव:    पताम:

 

लोट्लकार -आज्ञार्थ

पुरुष         एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष पततु        पतताम्     पतन्तु

मध्यम पुरुष पत        पततम्        पतत

उत्तम पुरुष  पतानि     पताव       पताम

 

लङ् लकार -भूतकाल

पुरुष         एकवचन    द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष अपतत्    अपतताम्   अपतन्

मध्यम पुरुष अपत:    अपततम्    अपतत

उत्तम पुरुष अपतम्    अपताव     अपताम

 

विधिलिङ् लकार -विध्यर्थ(चाहिए)

पुरुष          एकवचन      द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष   पतेत्         पतेताम्      पतेयु:

मध्यम पुरुष  पते:         पतेतम्        पतेत

उत्तम पुरुष  पतेयम्       पतेव           पतेम

 

लृट् लकार -भविष्यत काल

पुरुष             एकवचन     द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष    पतिष्यति    पतिष्यत:  पतिष्यन्ति

मध्यम पुरुष   पतिष्यसि   पतिष्यथ:   पतिष्यथ

उत्तम पुरुष   पतिष्यामि   पतिष्याव:   पतिष्याम:

परस्मैपदी धातु रुपाणि:-

16.प्रच्छ (पूछना) धातु

लट् लकार -वर्तमान काल

पुरुष          एकवचन     द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष   पृच्छति      पृच्छत:      पृच्छन्ति

मध्यम पुरुष  पृच्छसि     पृच्छथ:      पृच्छथ

उत्तम पुरुष   पृच्छामि    पृच्छाव:     पृच्छाम:

 

लोट्लकार -आज्ञार्थ

पुरुष           एकवचन     द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष   पृच्छतु      पृच्छताम्      पृच्छन्

मध्यम पुरुष  पृच्छ        पृच्छतम्       पृच्छत

उत्तम पुरुष  पृच्छानि     पृच्छाव       पृच्छाम

 

लङ् लकार -भूतकाल

पुरुष           एकवचन       द्विवचन       बहुवचन

प्रथम पुरुष   अपृच्छत्    अपृच्छताम्    अपृच्छन्

मध्यम पुरुष अपृच्छ:     अपृच्छतम्      अपृच्छत

उत्तम पुरुष   अपृच्छम्     अपृच्छाव     अपृच्छाम

 

विधिलिङ् लकार -विध्यर्थ(चाहिए)

पुरुष           एकवचन    द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष   पृच्छेत्       पृच्छेताम्     पृच्छेयु:

मध्यम पुरुष   पृच्छे:       पृच्छेतम्      पृच्छेत

उत्तम पुरुष   पृच्छेयम्     पृच्छेव        पृच्छेम

 

लृट् लकार -भविष्यत काल

पुरुष           एकवचन    द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष   प्रक्ष्यति      प्रक्ष्यत:    प्रक्ष्यन्ति

मध्यम पुरुष प्रक्ष्यसि      प्रक्ष्यथ:    प्रक्ष्यथ

उत्तम पुरुष  प्रक्ष्यामि    प्रक्ष्याव:    प्रक्ष्याम:

परस्मैपदी धातु रुपाणि:- 

17.चुर( चुराना) धातु

लट् लकार -वर्तमान काल

पुरुष           एकवचन    द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष   चोरयति   चोरयत:   चोरयन्ति

मध्यम पुरुष चोरयसि   चोरयथ:    चोरयथ

उत्तम पुरुष  चोरयामि  चोरयाव:   चोरयाम:

 

लोट्लकार -आज्ञार्थ

पुरुष         एकवचन    द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष    चोरयतु  चोरयताम्  चोरयन्

मध्यम पुरुष   चोरय     चोरयतम्   चोरयत

उत्तम पुरुष  चोरयाणि   चोरयाव   चोरयाम

 

लङ् लकार -भूतकाल

पुरुष            एकवचन         द्विवचन      बहुवचन

प्रथम पुरुष   अचोरयत्    अचोरयताम्   अचोरयन्

मध्यम पुरुष  अचोरय:    अचोरयतम्    अचोरयत

उत्तम पुरुष   अचोरयम्   अचोरयाव   अचोरयाम

 

विधिलिङ् लकार -विध्यर्थ(चाहिए)

पुरुष             एकवचन       द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष    चोरयेत्       चोरयताम्    चोरयेयु:

मध्यम पुरुष   चोरये:       चोरयतम्      चोरयेत

उत्तम पुरुष   चोरयेयम्      चोरयेव       चोरयेम

 

लृट् लकार -भविष्यत काल

पुरुष               एकवचन        द्विवचन         बहुवचन

प्रथम पुरुष   चोरयिष्यति     चोरयिष्यत:   चोरयिष्यन्ति

मध्यम पुरुष  चोरयिष्यसि    चोरयिष्यथ:    चोरयिष्यथ

उत्तम पुरुष   चोरयिष्यामि   चोरयिष्याव:   चोरयिष्याम:

परस्मैपदी धातु रुपाणि-

18.गै धातु (गाना)

लट् लकार (वर्तमान काल)

पुरुष      एकवचन   द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष गायति      गायत:      गायन्ति

मध्यम पुरुष गायसि    गायथ:     गायथ

उत्तम पुरुष गायामि     गायाव:     गायाम:

 

लोट् लकार (आज्ञार्थ)

पुरुष      एकवचन   द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष गायतु     गायताम्     गायन्तु

मध्यम पुरुष गाय       गायतम्      गायत

उत्तम पुरुष गायानि      गायाव     गायाम

 

लङ् लकार (भूतकाल)

पुरुष     एकवचन     द्विवचन     बहुवचन

प्रथम पुरुष अगायत्    अगायताम्   अगायन्

मध्यम पुरुष अगाय:    अगायतम्    अगायत

उत्तम पुरुष अगायम्    अगायाव     अगायाम

 

विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ)

पुरुष         एकवचन    द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष गायेत्      गायेताम्      गायेयु:

मध्यम पुरुष गाये:      गायेतम्      गायेत

उत्तम पुरुष गायेयम्      गायेव      गायेम

 

लृट् लकार (भविष्यत काल)

पुरुष        एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष गास्यति   गास्यत:   गास्यन्ति

मध्यम पुरुष गास्यसि   गास्यथ:   गास्यथ

उत्तम पुरुष गास्यामि   गास्याव:    गास्याम:

19.नश् धातु (नष्ट होना)

लट् लकार (वर्तमान काल)

पुरुष     एकवचन   द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष नश्यति   नश्यत:   नश्यन्ति

मध्यम पुरुष नश्यसि   नश्यथ:   नश्यथ

उत्तम पुरुष नश्यामि   नश्याव:   नश्याम:

 

लङ् लकार (भूतकाल)

पुरुष      एकवचन    द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष अनश्यत्  अनश्यताम्   अनश्यन्

मध्यम पुरुष अनश्य:  अनश्यतम्  अनश्यत

उत्तम पुरुष अनश्यम्  अनश्याव   अनश्याम

 

लोट् लकार (आज्ञार्थ)

पुरुष     एकवचन   द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष नश्यतु   नश्यताम्   नश्यन्तु

मध्यम पुरुष नश्य   नश्यतम्    नश्यत

उत्तम पुरुष नश्यानि   नश्याव   नश्याम

 

विधिलिङ्  लकार (विध्यर्थ)

पुरुष        एकवचन    द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष नश्येत्    नश्येताम्    नश्येयु:

मध्यम पुरुष नश्ये:    नश्येतम्    नश्येत

उत्तम पुरुष  नश्येयम्   नश्येव     नश्येम

 

लृट् लकार (भविष्य काल)

पुरुष       एकवचन    द्विवचन    बहुवचन

प्रथम पुरुष नङ्क्ष्यति   नङ्क्ष्यत:   नङ्क्ष्यन्ति

मध्यम पुरुष नङ्क्ष्यसि   नङ्क्ष्यथ:  नङ्क्ष्यथ

उत्तम पुरुष नङ्क्ष्यामि   नङ्क्ष्याव:   नङ्क्ष्याम:

परस्मैपदी धातु रुपाणि-

20.तुद् धातु (दुखी करना)

लट् लकार (वर्तमान काल)

पुरुष      एकवचन   द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष तुदति     तुदत:    तुदन्ति

मध्यम पुरुष तुदसि    तुदथ:   तुदथ

उत्तम पुरुष तुदामि    तुदाव:   तुदाम:

 

लोट् लकार (आज्ञार्थ)

पुरुष         एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष तुदतु   तुदताम्   तुदन्तु

मध्यम पुरुष तुद    तुदतम्   तुदत

उत्तम पुरुष तुदानि    तुदाव    तुदाम

 

लङ् लकार (भूतकाल)

पुरुष         एकवचन  द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष अतुदत्   अतुदताम्    अतुदन्

मध्यम पुरुष अतुद:   अतुदतम्   अतुदत

उत्तम पुरुष अतुदम्     अतुदाव    अतुदाम

 

विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ)

पुरुष     एकवचन  द्विवचन  बहुवचन

प्रथम पुरुष तुदेत्    तुदेताम्   तुदेयु:

मध्यम पुरुष तुदे:    तुदेतम्   तुदेत

उत्तम पुरुष तुदेयम्    तुदेव    तुदेम

 

लृट् लकार (भविष्यत काल)

पुरुष         एकवचन    द्विवचन   बहुवचन

प्रथम पुरुष तोत्स्यति    तोत्स्यत:    तोत्स्यन्ति

मध्यम पुरुष तोत्स्यसि     तोत्स्यथ:   तोत्स्यथ

उत्तम पुरुष तोत्स्यामि  तोत्स्याव:   तोत्स्याम:

Jagminder Singh

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