कोयले का संकट एक ज्वलंत समस्या

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कोयले का संकट एक ज्वलंत समस्या
कोयले का संकट एक ज्वलंत समस्या

कोयले का संकट एक ज्वलंत समस्या:- इस आर्टिकल में आज SSCGK आपसे कोयले का संकट एक ज्वलंत समस्या के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे | इससे पहले आर्टिकल में आप  HTET PGT Exam 2021 के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं |

कोयले का संकट एक ज्वलंत समस्या:-

भारत में कोयले का संकट- जैसा कि आप सभी को पता है कि अपने देश भारत में वर्तमान समय में कोयले की
आपूर्ति की कमी के कारण इसकी बढ़ती हुई कीमतें आसमान को छू रही हैं। संसार में भारत कोयले का प्रयोग
करने वाला दूसरा देश है अर्थात भारत विश्व में कोयले के प्रयोग करने में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।
वर्तमान में यह समस्या विदेश से आने वाले कोयले की कीमत बढ़ने के कारण से इसकी सप्लाई कम हुई है और
परिणाम स्वरूप घरेलू कोयले पर निर्भरता बढ़ी है। इसी कारण कोयले की देश में कमी देखने को मिल रही है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स कथनानुसार, एशिया में थर्मल कोयले की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं, जिससे
भारत में कोयले का संकट खड़ा हो गया है।

Coal Crisis In India:-

वर्तमान समय भारत में कोयला संकट को लेकर भारी कोहराम मचा हुआ है। इसी कारण से देश के ऊर्जा संयंत्रों
के पास बहुत ही कम मात्रा में कोयले का स्टॉक होना है। आज इसी कारण से देश में बिजली संकट की स्थिति
उत्पन्न हो गई है। इस साल जून के महीने में ऊर्जा उत्पादक संयंत्रों के पास 17 दिनों का कोयले का भंडार मौजूद
था, लेकिन वर्तमान समय में यह भंडार केवल 4 दिन का रह गया है।

Coal Crisis In India:-

देश में एक तरफ ऊर्जा उत्पादक संयंत्र वाले कोयले के भंडार को लेकर चिंतित है, तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार
का कहना है कि देश पर इस तरह का कोई संकट नहीं है। केंद्र सरकार के अनुसार अब भी देश में कोयले के
पर्याप्त भंडार है और ऊर्जा संयंत्रों को पर्याप्त मात्रा में कोयला मिलता रहेगा। उन्हें किसी प्रकार से चिंतित होने
की आवश्यकता नहीं है।

जैसा कि आप सभी जानते ही हैं अपने देश भारत में पैदा होने वाली 70% बिजली थर्मल पावर प्लांट से ही मिलती
है। इसके अतिरिक्त 135 पावर प्लांट कोयले से ही चलते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार 7 अक्टूबर 2021 तक के
आंकड़ों को देखा जाए तो पावर प्लांट के पास सिर्फ 4 दिन का कोयला का स्टॉक शेष बचा है।

कोयले का संकट एक ज्वलंत समस्या:-

देश में विभिन्न राज्यों के पावर प्लांट की स्थिति:-

No.1.महाराष्ट्र- कोयले की आपूर्ति की कमी के कारण महाराष्ट्र राज्य में बिजली का उत्पादन कम हो गया है। पहले
महाराष्ट्र को प्रतिदिन डेढ़ लाख मीट्रिक टन कोयला हर मिल रहा था, अब वर्तमान समय में सिर्फ 75000 मीट्रिक टन
ही कोयला मिल रहा है। इसी कारण से महाराष्ट्र को दूसरी ग्रिड से अपेक्षाकृत महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है।
पहले जहां महाराष्ट्र वासियों को ₹7 प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली मिल रही थी अब वही बिजली ₹20 प्रति यूनिट
के हिसाब से मिल रही है। कम मात्रा में कोयला मिलने के कारण महाराष्ट्र में 14 पावर प्लांट बंद हो चुके हैं।

No.2. बिहार- बिहार जैसे राज्य को भी कोयले की कमी खल रही है। बिहार के बरौनी थर्मल पावर स्टेशन को भी
कोयले की पूर्ववत आपूर्ति नहीं हो रही है। इसी वजह से बिजली उत्पादन कम हो गया है और जहां बेगूसराय को 22
घंटे की बिजली मिलती थी ।अब वह घटकर 12 घंटे ही मिल रही है। राज्य के हॉस्पिटलों में रहने वाले छात्रों को भी
बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है।

कोयले का संकट एक ज्वलंत समस्या:-

No.3. पंजाब- पंजाब जैसे खुशहाल राज्य में भी बिजली संकट के दुष्प्रभाव को स्पष्ट देखा जा सकता है।
यहां भी बिजली आपूर्ति की स्थिति गंभीर बनी हुई है। विद्युत उत्पादन कंपनी पीएस पीसीएल के कथन
अनुसार, राज्य में हर रोज 4-4 घंटे की बिजली में कटौती की जा रही है।, पंजाब में कोयले की पर्याप्त
आपूर्ति न होने के कारण 4 थर्मल पावर स्टेशन बंद हो गए हैं।

No.4. उत्तर प्रदेश- उत्तर प्रदेश भी कोयला संकट के प्रभाव से अछूता नहीं रहा है। यहां पर भी बिजली
उत्पादन के लिए कोयले का संकट गहराता जा रहा है। कोयला संकट के कारण राज्य में हर रोज 4 से 5
घंटे बिजली की कटौती की जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
को पत्र लिखकर राज्य में कोयले की आपूर्ति को सामान्य करने का अनुरोध किया है।

कोयले का संकट एक ज्वलंत समस्या:-

No.5. दिल्ली -दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कोयला संकट को लेकर अपनी चिंता
जाहिर की है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कहां है कि वह कोयले और गैस को बिजली पैदा करने वाले
प्लांट में डाइवर्ट करें, इसके अतिरिक्त दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अनुसार अगर पर्याप्त
मात्रा में कोयले की आपूर्ति  नहीं हुई तो हमें भी दिल्ली में बिजली के कट लगाने पड़ेंगे।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स नेपावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड से मिले आंकड़ों के वाले से बताया है
कि झारखंड बिहार और राजस्थान में भी को कोयले की कमी से हालात खराब हो गए हैं। झारखंड में बिजली की
18 से 24% की कमी दर्ज की गई है जबकि बिहार में 6% और राजस्थान में 17% कमी दर्ज की गई है।

कोयले का संकट एक ज्वलंत समस्या:-

देश में कोयले की कमी कैसे हुई?

इस विषय इस बारे में सरकार ने कोयला कमी के चार कारण बताए हैं-

No.1.अर्थव्यवस्था में सुधार आते ही बिजली की मांग बढ़ गई है।

No.2.विदेशों से आने वाले कोयले की कीमतें बढ़ी। इससे घरेलू कोयले पर निर्भरता बढ़ गई है।

No.3.चंबल में कोयला खदानों के आसपास अधिक मात्रा में बारिश होने से कोयले का उत्पादन प्रभावित हुआ है।

No.4.मानसून की शुरुआत से पहले कोयले का स्टॉक ना रखना।

कोयले का संकट एक ज्वलंत समस्या:-

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोयले की कमी की खबरों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री उर्जा मंत्री आर के सिंह
और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बैठक की और वर्तमान कोयला संकट पर कोयला मंत्रालय के कई
उच्चाधिकारियों यह साथ मंत्रणा की और इस समस्या के समाधान पर अपने विचार व्यक्त करते हुए शीघ्र ही
इस समस्या से निपटने का आश्वासन दिया।