विशेषण की परिभाषा व भेद

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विशेषण की परिभाषा व भेद
विशेषण की परिभाषा व भेद

विशेषण की परिभाषा व भेद:-आज आपसे विशेषण की परिभाषा व भेद के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

इससे पहले पोस्ट में आप सर्वनाम की परिभाषा व भेद के बारे में विस्तार से पढ़ चुके हैं।

विशेषण की परिभाषा व भेद:-

एक पेड़ पर काला कौवा बैठा है‌।

हमारे पास एक सफेद घोड़ा है।

अवनी के पास एक नया कंप्यूटर है।

नीता एक अच्छी गायिका है।

रौनक  एक मेहनती लड़की है |

पेड़ पर मीठे आम लगे हुए हैं।

रोशनी पढ़ाई में होशियार है।

ज्योति एक अच्छी प्रवक्ता है।

बाल्टी में 5 लीटर दूध रखा हुआ है‌।

जिया एक ईमानदार लड़की है।

मैंने दुकान से 10 मीटर कपड़ा खरीदा।

उपरोक्त वाक्यों में काला, सफेद, नया, अच्छी, मेहनती, मीठे, होशियार, अच्छी, 5 लीटर , ईमानदार, 10 मीटर आदि शब्द संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे हैं | इसी कारण से ये शब्द विशेषण शब्द कहलाते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि संज्ञा की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं।

 

हिंदी में विशेषण की परिभाषा व भेद:-

विशेषण की परिभाषा:- ” वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं ।”

जैसे -काला, सफेद मीठा, गोरा, ईमानदार ,मेधावी, दो,मोटा ,पतला ,लम्बा ,छोटा  आदि।

 अर्थात  संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्द  विशेषण  कहलाते  हैं ।

जैसे

रोशनी एक ईमानदार लड़की है।

गीता एक मेहनती अध्यापिका है |

नीलम एक अच्छी नर्तकी है |

दीपू एक होशियार बालक है।

सुमन एक अच्छी नर्स है।

पलक  एक मेधावी छात्रा है |

उपरोक्त वाक्यों में ईमानदार,मेहनती,अच्छी,मेधावी होशियार शब्द विशेषण है।

विशेष्यजिन शब्दों की विशेषता बताई जाती है, उन्हें विशेष्य कहते हैं

जैसे

रोशनी एक ईमानदार लड़की है।ऐ

दीपू एक होशियार बालक है ।

तन्नु एक ईमानदार लड़की है |

उपरोक्त वाक्यों में लड़की बालक शब्द विशेष्य हैं।

प्रविशेषण:जो सर्वनाम विशेषण से पहले आकर अर्थात प्रयुक्त होकर  विशेषण का काम करे ,उसे प्रविशेषण कहते हैं  ।

जैसे-

यह लड़की बहुत सुंदर है|

गुलाब का फूल बहुत सुंदर होता है |

उपरोक्त वाक्य में बहुत शब्द सुंदर शब्द की भी  विशेषता बता रहा है। यहां सुंदर शब्द पहले से ही एक विशेषण शब्द है और बहुत शब्द भी एक विशेषण शब्द है।

इस प्रकार बहुत शब्द सुंदर से पहले आकर सुंदर की विशेषता बता रहा है, इसलिए यह एक प्रविशेषण है।

विशेषण की परिभाषा व भेद:-

हिंदी में विशेषण के भेद :-

विशेषण के निम्नलिखित चार भेद होते हैं-

No.1.गुणवाचक विशेषण

No.2.संख्यावाचक विशेषण

No.3.परिमाणवाचक विशेषण

No.4.सार्वनामिक विशेषण

विशेषण की परिभाषा व भेद:-

No.1. गुणवाचक विशेषण– जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम के गुण, भाव, दोष, रूप, रंग, आकार, दशा, अवस्था आदि का बोध हो, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं |

जैसे-

आपने मीठी चाय बनाई है।

सुमन बाजार से मीठे अंगूर लेकर आई।

रजनी ने एक सुंदर गीत गाया।

दीपू एक मेधावी छात्रा है |

रोशनी ने जायकेदार खाना बनाया।

रौनक एक आज्ञाकारी बेटी है |

दीपू एक ईमानदार लड़का है।

हमने पके हुए केले खाए।

साहिल न मीठी जलेबियाँ खाई|

पलक के पास रंग बिरंगी गोलियां हैं।

सतबीर एक परिश्रमी व्यक्ति है |

उपरोक्त वाक्यों में मीठी, मीठे,मेधावी,सुंदर, जायकेदार,आज्ञाकारी, परिश्रमी ,ईमानदार, पके हुए, रंग बिरंगी आदि शब्द गुणवाचक विशेषण शब्द है।

गुणवाचक विशेषण के मुख्य रूप इस प्रकार हैं-

गुण– ईमानदार, मेहनती, दानी, सीधा, सच्चा।

दोष – झूठा, बेईमान ,घमंडी, नीच, बुरा, पापी।

रंग/रूप – काला, गोरा ,नीला ,पीला ,भूरा, सुंदर।

आकार – मोटा,पतला, बड़ा, छोटा, लंबा, चौड़ा।

दशा/अवस्था– अमीर, गरीब, जवान, बूढ़ा, पतला दुबला ,मोटा ,कमजोर, हल्का ,भारी।

विशेषण की परिभाषा व भेद :-

No.2. संख्यावाचक विशेषण-जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा और सर्वनाम की संख्या का बोध होता है, वे संख्यावाचक विशेषण कराते हैं।

जैसे-

पलक के पास पांच गाय  हैं।

देव के पास एक साइकिल है।

रोशनी के पास दस केले हैं।

रौनक के पास एक कार है |

जिया के पास दो ड्रैस हैं।

लक्की के पास तीन कारें हैं।

मेरे पास एक गाय है|

धीरज के पास दो गधे हैं |

उपरोक्त वाक्य में पांच, एक, दस, दो, तीन आदि शब्द संख्यावाचक विशेषण शब्द हैं।

संख्यावाचक विशेषण के दो भेद होते हैं –

 (1).निश्चित संख्यावाचक विशेषण

 (2).अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

(1).निश्चित संख्यावाचक विशेषण– जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध हो, वे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं ।

जैसे- लक्की के पास तीन कारें हैं।

पलक के पास चार कुर्सियां हैं।

मंच पर बीस लोग उपस्थित थे।

विद्वानों की सभा में पचास लोग मौजूद थे |

सुमन ने तनु को दस लड्डू दिए।

उपरोक्त वाक्यों में तीन ,चार बीस, दस,पचास आदि निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण हैं।

 

(2).अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण– जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध ना हो ,वे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे-मीना के पास अनेक खिलौने हैं।

खेत में बहुत खरबूजे उगे हुए थे।

मैदान में कुछ बच्चे खेल रहे थे |

सब बच्चे घर जाओ।

कई पशु खेत में घुसे हुए थे।

उपरोक्त वाक्यों में अनेक, बहुत, कुछ, सब ,कई आदि शब्द अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण हैं।

 

विशेषण की परिभाषा व भेद:-

No.3. परिमाणवाचक विशेषण– जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम के नापतोल का बोध हो, वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं जैसे-

राम ने दो पैकेट कुरकुरे के खरीदे।

प्रीति ने पांच मीटर कपड़ा खरीदा।

कृपया मुझे थोड़ा पानी दे दो।

हरजीत ने दस किलो चीनी खरीदी।

उपरोक्त वाक्यों में दो,पांच,दस,थोड़ा परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण हैं।

परिमाणवाचक विशेषण के दो भेद होते हैं

(1).निश्चित परिमाणवाचक विशेषण

(2).अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण

(1).निश्चित परिमाणवाचक विशेषण– जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का बोध हो, वे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे- दो किलो चावल, पांच मीटर कपड़ा ,दो लीटर दूध ,एक किलो घी आदि।

(2). अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण-जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम किए के निश्चित परिमाण का बोध ना हो, वे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं ।

जैसे- मोहन को थोड़े पैसे चाहिए।

कम पानी से काम नहीं चलेगा।

मोनू ने सोनू से अधिक काम करता है।

उपरोक्त वाक्य में थोड़े, कम ,अधिक,थोड़ा आदि अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण हैं।

No.4. सार्वनामिक विशेषण/संकेतवाचक विशेषण– जब कोई सर्वनाम शब्द संज्ञा या सर्वनाम , से पहले प्रयुक्त होकर विशेषण का कार्य करे, तो उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

जैसे- वह लड़का बहुत शरारती है ।

वह आदमी बहुत चालाक है।

ये लड़कियां  बहुत मेहनती हैं ।

यह मोटरसाइकिल मेरी है

वे कारें  रोशनी की है।

उपरोक्त वाक्यों में यह ,वह शब्द सर्वनाम है, जो संज्ञा से पहले प्रयुक्त होकर विशेषण का कार्य कर रहे हैं।

प्रविशेषण – वाक्य में प्रयुक्त जो विशेषण विशेषण की विशेषण की विशेषता बताये ,उसे प्रविशेषण कहते हैं |

जैसे -घोड़ा बहुत  तेज दौड़ता है |

रोशनी एक अत्यंत सुंदर लड़की है |

राधना बहुत अच्छा नाचती है|

विशेषण की परिभाषा व भेद :-

विशेषण की अवस्थाएं-हम जानते हैं की विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताई जाती है। लेकिन जिन शब्दों की विशेषता बताई जाती है,उनमें गुण -दोष कम या ज्यादा होते हैं।

ऐसी स्थिति में उनका तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए विशेषण शब्दों की तीन अवस्थाएं निर्धारित की गई है-

  1. मूलावस्था
  2. उत्तरावस्था
  3. उत्तमावस्था
  4. मूलावस्था – इस अवस्था में विशेषण का तुलनात्मक अध्ययन नहीं होता यहां विशेषण केवल सामान्य विशेषता ही प्रकट करता है।

जैसे- तनु एक मेधावी छात्रा है।

स्नेहा एक ईमानदार लड़की है।

दीपू एक अच्छा लड़का है‌।

सुमन एक सुंदर लड़की है |

  1. उत्तरावस्था-इस अवस्था में दो व्यक्तियों या दो वस्तुओं के गुण-दोषों की तुलनात्मक विशेषता बताई जाती है ‌।

जैसे- राम श्याम से अधिक परिश्रमी है।

सीता गीता से ज्यादा ईमानदार है।

धीरज दीपक से अधिक सुंदर है|

  1. उत्तमावस्था– इस अवस्था में दो से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं के गुण दोषों की तुलनात्मक विशेषता बताई जाती है।

जैसे- हरियाणा में अधिकतम गेहूं होता है।

रोशनी अपनी कक्षा में सबसे अधिक मेहनती है।

हरियाणा के लोग सबसे अधिक परिश्रमी हैं |

एक से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं का गुण –दोषों के आधार उनका तुलनात्मक अध्ययन करने कके लिए ही विशेषण की तीन अवस्थाएं निर्धारित की गयी हैं|

जैसे –

रोशनी एक सुंदर लड़की है |

रोनी स्नेहा से अधिक सुंदर है |

रानी  सबसे अधिक सुंदर है |

 

विशेषण की परिभाषा व भेद:-

 

तुलनात्मक अध्ययन की दृष्टि से विशेषणों के रूप इस प्रकार होते हैं-

मूलावस्था      उत्तरावस्था     उत्तमावस्था

लघु                     लघुतर                लघुतम

अधिक               अधिकतर           अधिकतम

सुन्दर                 सुन्दरतर             सुन्दरतम

उच्च                   उच्चतर              उच्चतम

कोमल               कोमलतर           कोमलतम

गुरु                      गुरुतर             गुरुतम

निकट                निकटतर          निकटतम

निम्न                   निम्नतर               निम्नतम

महत्                  महत्तर              महत्तम

विशेषण शब्दों की रचना-

हिंदी भाषा में विशेषण शब्दों की की रचना निम्न प्रकार से की जाती है:-

  1. हिंदी भाषा में कुछ शब्द मूल रूप से विशेषण होते हैं।

 

  1. संज्ञा से-
    जैसे– घर से घरेलू ,पुस्तक से पुस्तकीय, भारत से भारतीय, हरियाणा से हरियाणवी, बनारस से बनारसी।

 

  1. सर्वनाम से-
    जैसे-मैं से मुझसा, इतना, उतना, ऐसा, वैसा, आपसा।

 

  1. क्रिया से
    जैसे चलना से चाल, बेचना से बिकाऊ, भूलना से भुलक्कड़।

 

  1. अव्यय से-
    जैसे-ऊपर से ऊपरी, बाहर से बाहरी।

 

विशेषण की परिभाषा व भेद:-

 

विशेषण शब्दों के अन्य उदाहरण:-

विशेष्य – विशेषण                      

अंक   – अंकित                      

प्रथम – प्राथमिक                        

मास – मासिक                         

ह्रदय – हार्दिक

श्रृंगार – श्रृंगारिक

व्यक्ति – वैयक्तिक

संसार – सांसारिक

वेतन – वैतनिक

रसायन – रासायनिक

राष्ट्र – राष्ट्रीय

स्वाद – स्वादु

शिक्षा – शिक्षित

योग – यौगिक

लज्जा – लज्जित

रोमांस – रोमांचित

ह्रदय – हार्दिक

श्रृंगार – श्रृंगारिक

व्यक्ति – वैयक्तिक

संसार – सांसारिक

वेतन – वैतनिक

रसायन – रासायनिक

राष्ट्र – राष्ट्रीय

शिक्षा – शिक्षित

इच्छा – ऐच्छिक 

अंतर – आंतरिक

कथा – कथित

अंकुर – अंकुरित

अंचल – आंचलिक

कुल – कुलीन

अर्थ – आर्थिक

आदर – आदरणीय

खानदान – खानदानी

आराधना – आराध्य

खेल – खिलाड़ी

इतिहास – ऐतिहासिक

उद्योग – औद्योगिक

ओज – ओजस्वी

खर्च – खर्चीला

गृहस्थ – ग्राहस्थ्य

अग्नि – आग्नेय

गर्व – गर्वीला 

खर्च – खर्चीला

दान – दानी

चित्र – चित्रित

चाचा – चचेरा

जाति – जातीय

राजनीति – राजनीतिक

जहर – जहरीला

जंगल – जंगली

तिरस्कार – तिरस्कृत

तंत्र – तांत्रिक

निर्माण – निर्मित

निषेध – निषिद्ध

पहाड़ – पहाड़ी

पशु – पाशविक

लोभ – लोभी

परस्पर – पारस्परिक

परंपरा – पारंपरिक

लोक – लौकिक

पृथ्वी – पार्थिव

दर्शन – दर्शनीय

दंपत्ति – दांपत्य

धर्म – धार्मिक

नगर – नागरिक

सप्ताह – साप्ताहिक

नाटक – नाटक

पक्ष – पाक्षिक

भूगोल – भौगोलिक

मुख – मौखिक

मन – मानसिक

पुराण – पौराणिक

निर्माण – निर्मित

नमक – नमकीन

यश – यशस्वी

प्रथम – प्राथमिक

परिवार – पारिवारिक

मास – मासिक

पत्थर – पथरीला

योग – यौगिक

लज्जा – लज्जित

रोमांस – रोमांचित

 

 

विशेषण की परिभाषा व भेद:-

 

ह्रदय – हार्दिक

श्रृंगार – श्रृंगारिक

व्यक्ति – वैयक्तिक

संसार – सांसारिक

वेतन – वैतनिक

रसायन – रासायनिक

राष्ट्र – राष्ट्रीय

स्वाद – स्वादु

शिक्षा – शिक्षित